पुंछ जिले में आतंकियों द्वारा घात लगा कर सैन्य वाहन पर हमला कर पांच जवानों को शहीद किए जाने और दो को गंभीर रूप से घायल किए जाने की घटना के दूसरे दिन सुरक्षाबलों द्वारा आतंकियों का पता लगाने के लिए घटना स्थल के सबसे निकटवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों से 20 से अधिक लोगों को पूछताछ के लिए उठाया गया है।
पुंछ जिले के सावनी इलाके में दो सैन्य वाहनों पर आतंकी हमले के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीम व सेना की 16वीं कोर के कमांडर ने शुक्रवार को मौके का दौरा घटना की जांच की। इस दौरान 20 से अधिक संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया गया है।
प्रारंभिक छानबीन में पता चला है कि आतंकियों ने ग्रेनेड हमले के बाद फायरिंग में स्टील बुलेट का इस्तेमाल किया है, जिससे गाड़ियों में छेद तक हो गए हैं। इस बीच हमला करने वाले आतंकियों की तलाश में ड्रोन लगाए गए हैं। खोजी कुत्तों से भी इलाके में छानबीन की जा रही है।
डीआईजी के नेतृत्व में एक एसएसपी स्तर के अधिकारी टीम एनआईए टीम द्वारा जुटाए गए साक्ष्यों पर निगरानी रखे हुए है। वहीं, सेना की 16वीं कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल संदीप जैन व डीजीपी आरआर स्वैन ने ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर सैन्य तथा पुलिस अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की।
उधर, आतंकियों का पता लगाने के लिए हेलीकॉप्टर तथा खोजी कुत्तों को भी लगाया गया है। हमले के बाद इलाके की रातभर घेराबंदी रही और फिर सुबह व्यापक पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया गया। इसके लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों को बुलाया गया है। हमले के बाद डेरा की गली वाले इलाके की सड़क को बंद कर दिया गया है।
सेना तथा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। डीजीपी आरआर स्वैन तथा जीओसी ने डेरा गली स्थित 48 राष्ट्रीय राइफल्स मुख्यालय पहुंचकर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। दोनों अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर घटना के बारे में जानकारी हासिल की। उधर, एक्स पर सेना की 16वीं कोर की ओर से बलिदानी जवानों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कहा गया कि उनकी शहादत को भुलाया नहीं जा सकता है। मुश्किल घड़ी में पूरी सेना साथ खड़ी है।
इस बीच पूरे घने जंगल क्षेत्र में तलाशी अभियान जारी रहा। शाम को जंगल में सेना ने चार से छह राउंड फायरिंग की ताकि यदि आतंकी कहीं छिपे हों तो जवाबी कार्रवाई करें। सेना की ओर से डेरा गली, सावनी गली तथा आसपास के इलाकों से 20 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। इनसे पूछताछ जारी है। हमले में एम-4 कारबाइन के इस्तेमाल की भी सूचना है। हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। हमले का शिकार सैन्य ट्रक के साथ इसकी फोटो सामने आई है।
कई संवेदनशील गांवों में अतिरिक्त फोर्स की तैनाती
इलाके में चमरेड, मस्तान दर्रा, दराबा, बफलियाज, सावनी गली, डेरा की गली आदि संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त फोर्स की तैनाती की गई है। यहां घने जंगल के साथ ही कई प्राकृतिक गुफाएं भी हैं। इनका इस्तेमाल किए जाने की आशंका में इन्हें भी खंगालने की कोशिश की जा रही है। सूत्रों ने बताया कि इलाके में कई ढोक (कच्चे मकान) भी हैं, जिनका गुज्जर बक्करवालों की ओर से गर्मी के दिनों में इस्तेमाल किया जाता है। सर्दी शुरू होते ही वे मैदानी इलाको में चले जाते हैं। इससे यह सभी ढोक खाली पड़े हुए हैं। आशंका है कि आतंकियों की ओर से इन ढोकों का इस्तेमाल छिपने के लिए किया जा सकता होगा।
विपरीत परिस्थितियों में जवान ड्यूटी पर मुस्तैद
हमले के बाद सेना के जवान विपरीत परिस्थितियों तथा माइनस तापमान के बीच 24 घंटे से अधिक समय से एक ही स्थान पर तैनात हैं। पाला गिरने के साथ ही सड़क पर बर्फ की तरह जम जा रहा है। ऐसी स्थिति में भी जवान ड्यूटी पर मुस्तैद हैं।
वारदात के समय पांच लोगों के फोन थे सक्रिय
पुंछ जिले में आतंकियों द्वारा घात लगा कर सैन्य वाहन पर हमला कर पांच जवानों को शहीद किए जाने और दो को गंभीर रूप से घायल किए जाने की घटना के दूसरे दिन सुरक्षाबलों द्वारा आतंकियों का पता लगाने के लिए घटना स्थल के सबसे निकटवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों से 20 से अधिक लोगों को पूछताछ के लिए उठाया गया है।
पूछताछ के लिए उठाए गए पांच लोगों को इस लिए उठाया गया है कि जिस समय आतंकी हमले की घटना घटित हई उस समय उन पांचों के फोन सक्रिय थे। जानकारी के अनुसार आज सुबह सबसे पहले सुरक्षाबलों ने गांव सावनी गली के दो पिता पुत्रों को पूछताछ के लिए उठाया।
जिसके उपरांत दोपहर को भी इसी गांव के कई लोगों को उठाया गया। जबकि इस दोरान बफलियाज के मस्तानदा टोपापीर से नों लोगों को पूछताछ के लिए उठाया गया।जिसमें से कुछ ओजीडब्लूय और कुछ को उनकी संदिगध गतिविधियों लिए उठाया गया।
सुरक्षाबलों द्वारा उठाए गए लोगों से पूछताछ कर इस बात का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि सैन्य वाहनों पर हमला करने वाले आतंकियों की संख्या कितनी थी। वो क्षेत्र में कहां रूके थे अथवा वह किस तरफ से आए थे अथवा अपनी नापाक हरकत को अंजाम देने के बाद वह किस तरफ निकले थे। सूत्रों की माने तो देहरागली के सावनी गली में सैन्य वाहनों पर हमला करने वाले आतंकी सावनी गांव की तरफ भाग निकले थे।