नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में शनिवार को हुए विश्व कप क्वालिफायर फुटबॉल मैच से पहले माहौल तनावपूर्ण हो गया। नॉर्वे और इस्राइल की टीमों के आमने-सामने होने से पहले, फलस्तीनी समर्थकों ने जोरदार प्रदर्शन किया।
मशालों के साथ मार्च, लगे नारे
सरकारी प्रसारक एनआरके की रिपोर्ट के अनुसार, करीब 1,000 प्रदर्शनकारी उलेवाल स्टेडियम की ओर मशालें लेकर मार्च करते हुए पहुंचे। इस दौरान उन्होंने “दूतावास बंद करो”, “गेम ओवर इस्राइल” जैसे नारे लगाए और हाथों में फलीस्तीन का झंडा लहराया। कई प्रदर्शनकारियों ने लाल कार्ड उठाकर इस्राइल का प्रतीकात्मक विरोध भी किया।
सुरक्षा व्यवस्था कड़ी, 3,000 सीटें खाली
पुलिस ने स्टेडियम के चारों ओर सुरक्षा घेरा खड़ा किया। कुल 22,000 दर्शक मौजूद थे, लेकिन 3,000 सीटें खाली छोड़ दी गईं, खासकर वे हिस्से जो इस्राइल के फैंस के पास थे। सुरक्षा एजेंसियों को किसी अप्रिय घटना की आशंका थी।
स्टेडियम के भीतर भी विरोध
मैच शुरू होने के बाद भी विरोध थमा नहीं। अंदर दर्शकों ने फलीस्तीन का झंडा फहराया और “बच्चों को जीने दो” लिखा बैनर लहराया। इस्राइल का राष्ट्रगान बजते समय कई दर्शकों ने हूटिंग की और लाल कार्ड दिखाए। पहले हाफ में तो एक शख्स “फ्री गाजा” लिखी टी-शर्ट पहनकर मैदान में दौड़ गया।
फीफा अध्यक्ष की अपील
तनावपूर्ण हालात के बीच, फीफा अध्यक्ष जियानी इनफैनटिनो ने खिलाड़ियों और दर्शकों से शांति बनाए रखने की अपील की थी। बावजूद इसके विरोध प्रदर्शन पूरे मैच के दौरान जारी रहा।
अब इस्राइल की टीम अपना अगला क्वालिफाइंग मैच इटली के खिलाफ उदिने (मंगलवार) को खेलेगी।
यह पूरा घटनाक्रम खेल से आगे बढ़कर राजनीति और संघर्ष का प्रतीक बन गया, जहां फुटबॉल स्टेडियम में भी गाजा युद्ध का साया दिखाई दिया।