रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र की मोदी सरकार और बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी लोकतंत्र की आत्मा माने जाने वाले संस्थानों का सुनियोजित तरीके से दुरुपयोग कर रही है।
“लोकतंत्र के स्तंभ खतरे में”
भूपेश बघेल ने कहा कि भारत के लोकतंत्र की नींव विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका पर टिकी है। लेकिन आज इन तीनों स्तंभों पर सवाल उठ रहे हैं। उन्होंने कहा—
“अगर ये तीनों स्तंभ एक ही सुर में बोलने लगें, तो लोकतंत्र कहां बचेगा?”
बघेल ने खासकर चुनाव आयोग पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराने वाली संस्था भी अब शंका के घेरे में आ गई है।
“एजेंसियां बीजेपी के इशारों पर”
पूर्व सीएम ने आरोप लगाया कि जांच एजेंसियां अब बीजेपी के इशारों पर काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि—
“जांच एजेंसियों के अधिकारी सिर्फ दबाव में नहीं, बल्कि अब मारपीट तक पर उतर आए हैं। यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।”
न्यायपालिका से की बड़ी मांग
भूपेश बघेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि:
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इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जानी चाहिए।
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हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट को इसका स्वतः संज्ञान लेना चाहिए।
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जांच एजेंसियों के संबंधित अधिकारी को तुरंत निलंबित किया जाए।
उन्होंने कहा कि अगर समय रहते सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो भविष्य में कोई भी अधिकारी न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने का दुस्साहस करेगा।
रायपुर की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस ने साफ कर दिया कि भूपेश बघेल और कांग्रेस अब केंद्र सरकार और जांच एजेंसियों की कार्यशैली को बड़ा मुद्दा बनाने की तैयारी में हैं।