बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए ने आखिरकार सीटों के बंटवारे का ऐलान कर दिया है। इस समझौते में भाजपा और जेडीयू को बराबर ताक़त देते हुए दोनों को 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका मिला है। वहीं, अन्य सहयोगी दलों के बीच भी हिस्सेदारी साफ हो गई है।
लोजपा (रामविलास) को 29 सीटें मिली हैं।
राष्ट्रीय लोक मोर्चा (उपेंद्र कुशवाहा) को 6 सीटें दी गई हैं।
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) को भी 6 सीटें मिली हैं।
इस सीट बंटवारे की जानकारी किसी प्रेस कॉन्फ्रेंस के बजाय सीधे एनडीए नेताओं ने अपने-अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स से साझा की। जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा, आरएलएम प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल समेत अन्य नेताओं ने इसे सार्वजनिक किया।
नेताओं ने एक सुर में लिखा कि एनडीए एकजुट है और बिहार में दोबारा सत्ता में वापसी के लिए पूरी तरह तैयार है।
महागठबंधन पर तंज
एनडीए की ओर से सीट बंटवारे का ऐलान होते ही महागठबंधन पर भी निशाना साधा गया। विपक्षी दलों के नेता लगातार यह कह रहे थे कि एनडीए में सीटों पर खींचतान सबसे ज़्यादा है, लेकिन अब एनडीए ने यह मामला निपटा लिया है।
इधर, महागठबंधन में भी सहमति लगभग बन चुकी है। कांग्रेस और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के बीच कुछ मुद्दे अब भी लंबित हैं। इसी बीच वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने व्यंग्यात्मक अंदाज़ में कहा कि “महागठबंधन थोड़ा अस्वस्थ हुआ है। हम दिल्ली जा रहे हैं, जहां डॉक्टर मौजूद हैं। वहीं इलाज होगा और हम स्वस्थ होकर पटना लौटेंगे।”
➡️ कुल मिलाकर तस्वीर साफ है कि एनडीए ने समय रहते सीटों का बंटवारा करके अपने कार्यकर्ताओं को चुनावी मैदान में झोंक दिया है, जबकि महागठबंधन के भीतर अभी भी अंतिम समझौते का इंतज़ार है।