कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दक्षिण अमेरिकी दौरे के दौरान शिक्षा को लेकर बड़ा बयान दिया। उनका कहना है कि “शिक्षा की शुरुआत जिज्ञासा और स्वतंत्र सोच से होती है। हमें ऐसा वातावरण बनाना चाहिए, जहां बच्चे बिना किसी डर और दबाव के सवाल पूछ सकें। शिक्षा सिर्फ अमीरों या कुछ चुनिंदा लोगों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, क्योंकि यही स्वतंत्रता की असली बुनियाद है।”
शिक्षा और लोकतंत्र पर जोर
राहुल गांधी ने कहा कि भारत को ऐसा लोकतांत्रिक माहौल चाहिए, जहां हर बच्चा सीखने और सोचने की पूरी आज़ादी के साथ आगे बढ़ सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि शिक्षा को विशेषाधिकार की जगह समान अवसर बनाना होगा।
इसके साथ ही राहुल ने यह भी कहा कि भारत को नई मैन्युफैक्चरिंग व्यवस्था तैयार करनी चाहिए, जो लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित हो। इसके लिए उन्होंने अमेरिका और पेरू जैसे देशों के साथ साझेदारी को फायदेमंद बताया।
यूनिवर्सिटी कार्यक्रमों में चर्चा
कांग्रेस ने रविवार को X (पूर्व ट्विटर) पर राहुल गांधी की पेरू की पॉन्टिफिकल कैथोलिक यूनिवर्सिटी और चिली यूनिवर्सिटी में छात्रों के साथ हुई बातचीत का 12 मिनट 19 सेकेंड का वीडियो साझा किया। इसमें उन्होंने शिक्षा, लोकतंत्र और मौजूदा वैश्विक राजनीति पर विस्तार से चर्चा की।
दक्षिण अमेरिकी दौरे पर राहुल
गौरतलब है कि राहुल गांधी इन दिनों दक्षिण अमेरिकी देशों – कोलंबिया, ब्राज़ील, पेरू और चिली की 10 दिनों की यात्रा पर हैं। इस दौरान उन्होंने कई विश्वविद्यालयों में आयोजित कार्यक्रमों में हिस्सा लिया और भारत समेत दुनिया की मौजूदा राजनीतिक व सामाजिक परिस्थितियों पर विचार साझा किए।
✅ कुल मिलाकर, राहुल गांधी ने अपने संबोधन में यह साफ किया कि भारत का भविष्य तभी मजबूत होगा, जब शिक्षा सबके लिए समान और सुलभ होगी – न कि केवल अमीरों तक सीमित।