धनतेरस से पहले निवेशकों की बढ़ी दिलचस्पी, क्या अभी खरीदना सही है?
धनतेरस और दिवाली से पहले सोने-चांदी की चमक नए शिखर पर है। लगातार चौथे दिन तेजी के साथ 16 अक्टूबर को दोनों धातुओं के दाम अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गए। डॉलर की कमजोरी और वैश्विक तनावों ने निवेशकों का रुख कीमती धातुओं की ओर मोड़ दिया है।
सोना बना महंगा – ₹1.30 लाख प्रति 10 ग्राम से ऊपर
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एमसीएक्स पर दिसंबर वायदा 1% चढ़कर ₹1,28,395 प्रति 10 ग्राम पर पहुंचा।
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फरवरी और अप्रैल कॉन्ट्रैक्ट्स क्रमशः ₹1,29,380 और ₹1,30,877 तक उछले।
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यानी सोने ने पहली बार ₹1.30 लाख का आंकड़ा पार कर लिया है।
चांदी की चमक – ₹1.66 लाख प्रति किलो
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दिसंबर डिलीवरी कॉन्ट्रैक्ट ₹1,64,660 प्रति किलो पर पहुंचा।
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मार्च और मई अनुबंध क्रमशः ₹1,64,958 और ₹1,66,338 प्रति किलो तक पहुंचे।
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चांदी ने भी नया रिकॉर्ड बना लिया है।
क्यों बढ़ रहे हैं सोने-चांदी के दाम?
विशेषज्ञों के अनुसार –
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डॉलर की कमजोरी ने गोल्ड की मांग बढ़ाई।
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अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद से फंड्स यूएस ट्रेजरी से निकलकर गोल्ड में शिफ्ट हो रहे हैं।
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भू-राजनीतिक तनाव (यूक्रेन युद्ध, मिडल ईस्ट अस्थिरता) ने गोल्ड को सुरक्षित निवेश बना दिया है।
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चांदी की मांग EVs, सोलर पैनल, बैटरी और सेमीकंडक्टर उद्योग से बढ़ी है, जबकि सप्लाई सीमित है।
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रुपये की कमजोरी और शॉर्ट कवरिंग ने भी रफ्तार दी।
निवेशकों के लिए सलाह
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विशेषज्ञों का मानना है कि सोना-चांदी तुरंत मुनाफे के लिए नहीं बल्कि जोखिम से बचाव (hedge) के लिए खरीदे जाते हैं।
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निवेशक अपने पोर्टफोलियो का 10-15% हिस्सा गोल्ड-सिल्वर में रख सकते हैं।
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अभी दाम ऊंचे हैं, इसलिए खरीदारी में सावधानी बरतना जरूरी है।
निष्कर्ष:
धनतेरस से पहले सोने-चांदी के भाव रिकॉर्ड ऊंचाई पर हैं। अगर आप दीर्घकालिक निवेशक हैं और पोर्टफोलियो में संतुलन चाहते हैं तो सीमित खरीदारी सही रहेगी, लेकिन त्वरित मुनाफे की उम्मीद करना जोखिम भरा हो सकता है।