पीयूष गोयल बोले – लगातार हो रही मीटिंग्स, अक्टूबर-नवंबर में तय हो सकती है डील
भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से अटकी ट्रेड डील पर अब बात तेजी से आगे बढ़ रही है। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को संकेत दिए कि यह समझौता अब लगभग अंतिम चरण में है और जल्द ही बड़ा फैसला हो सकता है।
अमेरिका में लगातार हो रही बैठकें
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भारत की ओर से उच्चस्तरीय वार्ताकार टीम इस समय वॉशिंगटन डीसी में है।
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टीम की अगुवाई वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल कर रहे हैं, जो 17 अक्टूबर तक अमेरिकी अधिकारियों से चर्चा करेंगे।
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अब तक पांच चरणों की वार्ता पूरी हो चुकी है।
गोयल ने कहा –
“हम अमेरिका के साथ ही यूरोपीय संघ, चिली, पेरू, न्यूजीलैंड और ओमान से भी सक्रिय रूप से व्यापार वार्ता कर रहे हैं। आने वाले महीनों में कई अहम समझौते साइन हो सकते हैं।”
भारत-ब्राजील व्यापार पर भी फोकस
नई दिल्ली में आयोजित भारत-ब्राजील व्यापार वार्ता में गोयल ने कहा कि दोनों देशों ने मौजूदा समझौते के विस्तार पर जोर दिया है।
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इससे भारत की दक्षिण अमेरिकी बाजारों में हिस्सेदारी और पहुंच बढ़ेगी।
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विशेषज्ञ मानते हैं कि ब्राजील जैसे देशों के साथ गहरे संबंध भारत के लिए नई सप्लाई चेन और निवेश अवसर लेकर आएंगे।
ऊर्जा व्यापार में नई ऊंचाई
वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल के अनुसार:
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भारत की अमेरिका से ऊर्जा खरीद 22-23 अरब डॉलर तक पहुंच चुकी है।
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आगे इसमें 12-13 अरब डॉलर की और गुंजाइश है।
यह साफ करता है कि भारत अब केवल वस्त्र और आईटी ही नहीं, बल्कि एनर्जी सेक्टर में भी अमेरिका का बड़ा साझेदार बन चुका है।
फरवरी 2025 में मिली थी हरी झंडी
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इस साल फरवरी में भारत और अमेरिका के नेताओं ने अपने अधिकारियों को द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर बातचीत शुरू करने के निर्देश दिए थे।
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अगस्त 2025 में रूसी तेल पर अमेरिकी टैरिफ बढ़ने से चर्चा थोड़ी रुक गई थी।
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लेकिन अब वार्ता दोबारा पटरी पर लौट आई है, और उम्मीद जताई जा रही है कि अक्टूबर-नवंबर तक पहला चरण पूरा हो जाएगा।
डील से क्या होंगे फायदे?
यह समझौता दोनों देशों के लिए विन-विन स्थिति ला सकता है –
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भारत को फायदा: अमेरिकी बाजार तक बड़ी पहुंच, मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर में मजबूती।
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अमेरिका को फायदा: भारत एक मजबूत एनर्जी और मैन्युफैक्चरिंग पार्टनर बनेगा, जिससे सप्लाई चेन डाइवर्सिफाई होगी।
निष्कर्ष:
India-US Trade Deal पर बातचीत अब लगभग अंतिम चरण में है। अगर समझौता तय हो जाता है तो यह भारत-अमेरिका आर्थिक साझेदारी को नई दिशा देगा और दोनों देशों के व्यापारिक रिश्ते नए मुकाम पर पहुंचेंगे।