भारत की युवा बैडमिंटन सनसनी तन्वी शर्मा ने बीडब्ल्यूएफ विश्व जूनियर चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए सेमीफाइनल में जगह बना ली है। इसके साथ ही उन्होंने भारत के लिए एक पदक पक्का कर दिया है। खास बात यह है कि तन्वी पिछले 17 साल में ऐसा कारनामा करने वाली पहली भारतीय शटलर बन गई हैं।
मत्सुमोतो के खिलाफ रोमांचक जीत
जापान की साकी मत्सुमोतो के खिलाफ क्वार्टर फाइनल मुकाबला तन्वी के लिए आसान नहीं था। पहले गेम में बढ़त लेने के बावजूद तन्वी कुछ गलतियों की वजह से पिछड़ गईं और 13-15 से गेम गंवा बैठीं।
लेकिन दूसरे गेम में उन्होंने जबरदस्त वापसी की और 15-9 से जीतकर मुकाबले को बराबरी पर ला दिया।
निर्णायक गेम में मत्सुमोतो ने 7-3 की बढ़त बना ली थी, मगर तन्वी ने दबाव झेलते हुए शानदार रिटर्न निकाले और 15-10 से गेम व मैच अपने नाम कर लिया।
अन्य भारतीय खिलाड़ियों का सफर खत्म
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उन्नति हुड्डा, जो टूर्नामेंट में 8वीं वरीयता प्राप्त थीं, थाईलैंड की दूसरी वरीयता प्राप्त अन्यापत फिचित्फोन से 12-15, 13-15 से हारकर बाहर हो गईं।
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उन्नति ने 2022 में ओडिशा ओपन जीतकर सुपर 100 खिताब जीतने वाली सबसे युवा भारतीय खिलाड़ी बनने का गौरव हासिल किया था।
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वहीं, डबल्स में भारत की जोड़ी भव्य छाबड़ा और विशाखा टोप्पो ताइवान के हुंग बिंग फू और चोउ युन अन से 9-15, 7-15 से हार गई।
भारतीय बैडमिंटन के लिए बड़ा पल
तन्वी की यह उपलब्धि भारतीय बैडमिंटन के लिए खास मानी जा रही है। 16 साल की इस खिलाड़ी ने न केवल सेमीफाइनल तक का सफर तय किया है, बल्कि यह भी साबित किया है कि भारत की नई पीढ़ी विश्व स्तर पर दमखम दिखाने के लिए तैयार है।
तन्वी अब फाइनल में जगह बनाने के लिए उतरेंगी। उनकी नजरें न सिर्फ सेमीफाइनल जीतने पर होंगी, बल्कि भारत को जूनियर स्तर पर गोल्ड मेडल दिलाने का सपना भी उनकी रैकेट में है।