नई दिल्ली – दीपावली और छठ जैसे बड़े त्योहारों के बीच दिल्ली की सियासत भी पूरी तरह गरमा गई है। आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) एक-दूसरे पर निशाना साधते हुए त्योहारों को ही राजनीतिक हथियार बना चुकी हैं। जहां दिल्ली सरकार दीपोत्सव से छठ तक के भव्य आयोजनों में जुटी है, वहीं AAP भाजपा को “जनता की उम्मीदें तोड़ने” का दोषी ठहरा रही है।
दिवाली का दीपोत्सव बनाम AAP की तंजभरी राजनीति
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दिल्ली सरकार ने 1 लाख 11 हजार दीपों से सजे दीपोत्सव, ड्रोन शो और रामकथा की सांस्कृतिक झलकियों का ऐलान किया है।
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मंत्री आशीष सूद ने बिना नाम लिए AAP पर हमला बोला और कहा कि पिछली सरकारें वोट बैंक की राजनीति के कारण ऐसे अवसर खो देती थीं।
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उन्होंने दावा किया कि इस बार सभी को अपने त्योहार मनाने का भरपूर अवसर दिया जाएगा।
फ्री सिलेंडर पर बवाल
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AAP दिल्ली के अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने एक्स पर एक वीडियो साझा किया।
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वीडियो में महिलाएं CM रेखा गुप्ता के घर सिलेंडर की मांग को लेकर प्रदर्शन करती दिखीं।
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AAP ने तंज कसा – “फ्री सिलेंडर की होम डिलीवरी तो हुई नहीं, अब जनता खुद पहुंच रही है लेने।”
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यह मुद्दा दिवाली के ठीक पहले महंगाई और सरकारी राहत की बहस को हवा देने लगा है।
छठ पूजा और यमुना का झाग
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AAP ने एक और वीडियो जारी कर दावा किया कि यमुना में फिर से जहरीला झाग उठ रहा है।
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पार्टी का आरोप है कि दिल्ली में “चार इंजन सरकार” होने के बावजूद BJP यमुना को साफ नहीं कर पाई।
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वहीं मंत्री प्रवेश वर्मा ने पलटवार करते हुए कहा कि यमुना घाटों का सौंदर्यीकरण चल रहा है और इस बार छठ पूजा ऐतिहासिक रूप से भव्य होगी।
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उन्होंने कहा कि AAP सिर्फ अफवाह फैलाकर जनता को गुमराह कर रही है।
किसका पलड़ा भारी?
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BJP भव्य आयोजनों और धार्मिक-सांस्कृतिक माहौल को मजबूत करने पर जोर दे रही है।
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AAP महंगाई, मुफ्त सुविधाओं और पर्यावरण प्रदूषण जैसे मुद्दों को उठाकर जनता से जुड़ने की कोशिश कर रही है।
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नतीजतन, त्योहारों के रंग में सियासी घमासान भी घुल गया है।
दिल्ली की जनता के लिए ये त्योहारी सीजन रोशनी और धार्मिक आस्था के साथ-साथ राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का भी गवाह बन गया है। अब देखना होगा कि दिवाली और छठ के बाद जनता के दिल में कौन ज्यादा जगह बना पाता है – AAP का मुफ्त मॉडल या BJP का भव्य आयोजन।