दिवाली सेल्स और GST 2.0 ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, UPI ट्रांजैक्शन 96 हजार करोड़ पार

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दिवाली सीजन और नई टैक्स व्यवस्था GST 2.0 के लागू होने के बाद देशभर में डिजिटल पेमेंट्स ने नया इतिहास रच दिया है। अक्टूबर 2025 में UPI ट्रांजैक्शन वैल्यू औसतन 96,000 करोड़ रुपए रोजाना तक पहुंच गई, जो पिछले महीने की तुलना में लगभग 16% ज्यादा है।


रिकॉर्ड तोड़ UPI ग्रोथ

  • NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया) के ताज़ा डेटा के मुताबिक,

    • अक्टूबर (22 तारीख तक) रोजाना औसत ट्रांजैक्शन वैल्यू: ₹96,638 करोड़

    • सितंबर औसत वैल्यू: ₹82,991 करोड़

    • यानी करीब 16% की तेज़ बढ़ोतरी

  • ट्रांजैक्शन की संख्या में भी इजाफा—

    • अक्टूबर: औसतन 68 करोड़ ट्रांजैक्शन/दिन

    • सितंबर: औसतन 65.4 करोड़/दिन


1 लाख करोड़ का आंकड़ा 6 बार पार

त्योहारी ऑफलाइन-ऑनलाइन शॉपिंग और बैंक ऑफर्स ने इस दिवाली UPI को नई ऊंचाई दी।

  • अक्टूबर में अब तक 6 दिन ऐसे रहे जब UPI ट्रांजैक्शन वैल्यू 1 लाख करोड़ के पार गई।

  • सितंबर में ऐसा केवल 3 बार हुआ था।

  • दिवाली की पूर्व संध्या पर तो रिकॉर्ड टूट गया:

    • 74 करोड़ ट्रांजैक्शन/दिन, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।


GST 2.0 का असर

22 सितंबर 2025 से लागू GST 2.0 ने भी खपत को बड़ा बूस्ट दिया।

  • नई व्यवस्था में केवल 5% और 18% टैक्स स्लैब रह गए।

  • 12% और 28% टैक्स स्लैब खत्म हो गए।

  • टैक्स कटौती के बाद उपभोक्ताओं की खरीदारी बढ़ी, खासकर उन लोगों की जिन्होंने नई दरों का फायदा लेने के लिए सितंबर तक शॉपिंग रोकी थी।


विशेषज्ञों की राय

  • त्योहारों में UPI ने नकद को पीछे छोड़ दिया है।

  • यह ट्रेंड बताता है कि डिजिटल पेमेंट्स अब सिर्फ सुविधा नहीं, बल्कि भारत की उपभोक्ता अर्थव्यवस्था का मुख्य हिस्सा बन चुके हैं।

  • ई-कॉमर्स, रिटेल, ट्रैवल और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में UPI का सबसे ज्यादा असर देखा गया।


साफ है कि दिवाली 2025 ने सिर्फ रोशनी ही नहीं बिखेरी, बल्कि भारत की डिजिटल इकोनॉमी को भी जगमगाया।


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