जगदलपुर – छत्तीसगढ़ शासन द्वारा पारंपरिक खेलों को प्रोत्साहित करने बस्तर संभाग के जनजातीय बहुल एवं नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में युवाओं की खेल प्रतिभा को पहचानने और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने के उद्देश्य से बस्तर ओलंपिक का आयोजन किया जा रहा है। जिसका नारायणपुर जिला के सुदूर वनांचल कच्चापाल में शुभारंभ शनिवार को उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने किया।
इस अवसर पर ईरकभट्टी और कच्चापाल की ग्रामीण महिलाओं के मध्य रस्साकसी प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें ईरकभट्टी के महिलाओं ने बाजी मारी। उपमुख्यमंत्री ने खिलाड़यिों से मुलाकात कर सभी का उत्साहवर्धन किया। उन्होंने टीशर्ट का वितरण किया। यह प्रतियोगिता विकासखंड, जिला और संभाग स्तर पर तीन चरणों में होगी। बस्तर ओलंपिक में बस्तर संभाग में 3 लाख 80 हजार से अधिक प्रतिभागी भाग ले रहे हैं, जिसमें नारायणपुर में 47 हजार से अधिक प्रतिभागी शामिल हैं।
नैसर्गिक प्रतिभा के प्रदर्शन का एक मंच
उपमुख्यमंत्री ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि, बस्तर ओलंपिक केवल खेल नहीं है, यह बस्तर की समरसता, बंधुत्व, विश्वास और एकता का प्रतीक भी है। यह ओलंपिक बस्तर के युवाओं को अपनी नैसर्गिक प्रतिभा के प्रदर्शन का एक मंच प्रदान करने के साथ उनमें आत्मविश्वास जगाने और खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने का एक माध्यम भी है। हमें पूरा भरोसा है कि इस ओलंपिक के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी भी प्रदेश को मिलेंगे जो प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में बस्तर का नाम ऊंचा करेंगे।
दिव्यांग और सरेंडर नक्सली भी खेलेंगे
बस्तर ओलंपिक का 30 नवम्बर तक किया जाएगा। जिसमें एथलेटिक्स, तीरंदाजी, बैडमिंटन, फुटबॉल, कराटे, कबड्डी, खो-खो, वॉलीबॉल, रस्साकसी, हॉकी और वेटलिफ्टिंग जैसी खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। जहां जूनियर वर्ग (14 से 17 वर्ष) और सीनियर वर्ग (17 वर्ष से अधिक) के साथ दिव्यांग खिलाड़ी और आत्मसमर्पित नक्सली भी सीधे संभाग स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लेंगे।