केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) के क्वालिटी टेस्ट में देशभर में 112 दवाओं के सैंपल फेल पाए गए हैं। वहीं, 1 दवा का नमूना नकली निकला है। सितंबर 2025 की इस रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ की 10 दवाओं का नाम शामिल है। जो एक सैंपल नकली पाया गया है, वह भी छत्तीसगढ़ का है।
इनमें कृमि मारने की दवा एल्बेंडाजोल, दर्द निवारक पैरासिटामॉल और एमोक्सिलीन जैसी रोजमर्रा की दवाएं भी शामिल हैं। 9 दवाओं को मानक गुणवत्ता से कम (NSQ) और एक दवा को नकली (मिस ब्रांडेड) घोषित किया गया है। इसका मतलब है कि ये दवाइयां मरीजों को ठीक करने के बजाय उन्हें नुकसान पहुंचा सकती हैं।
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) और राज्य औषधि लैब की रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय प्रयोगशालाओं में 52 नमूने और राज्य प्रयोगशालाओं में 60 नमूने अमानक मिले हैं। छत्तीसगढ़ में एल्बेंडाजोल के 4 अलग-अलग बैच लगातार फेल पाए गए हैं। इन बैचों का निर्माण एएफएफवाई पैरेंटेरल्स (AFFY Parenterals) कंपनी ने किया था।
सभी नमूनों में डिजोल्यूशन टेस्ट (Dissolution Test) में खामी पाई गई। इसका मतलब है कि दवा शरीर में घुलकर असर नहीं कर रही थी। वहीं मैकलियोड्स फार्मास्युटिकल्स की फंगल क्रीम जांच में नकली मिली। यह फंगल इन्फेक्शन में दी जाती है।
इस मामले में रायपुर दवा संघ के उपाध्यक्ष अश्वनी विग ने कहा कि नकली-अमानक दवाएं मार्केट में होगी तो जांच करवाएंगे। संबंधित कंपनी से चर्चा करेंगे और प्रोडक्ट वापस करने कहा जाएगा। वहीं प्रदेश नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन अफसर ने कहा कि CDSCO के नोटिफिकेशन की जानकारी उन तक अभी नहीं पहुंची है।
9 अमानक और 1 नकली पाई गई दवा कौन-कौन सी है? इन दवाओं का निर्माण किस कंपनी ने किया है? ये दवाएं किस लिए इस्तेमाल होती है? इस दवाओं की प्रदेश में कितनी खपत है? कितने का कारोबार है? इस रिपोर्ट में विस्तार से पढ़िए…
पहले जानिए NSQ किसे कहते हैं?
दवा को “नॉट ऑफ स्टैंडर्ड क्वालिटी” यानी NSQ तभी माना जाता है, जब वह गुणवत्ता के किसी तय मानक पर फेल हो जाती है। यह जांच विशेष बैच पर होती है। किसी एक बैच के फेल होने का मतलब यह नहीं होता कि उस दवा के बाकी सभी बैच या बाजार में उपलब्ध दवा भी खराब है।
एमोक्सिलीन टेबलेट्स में मिली तत्वों की कमी
इसी तरह, एमोक्सिलीन टैबलेट्स (बैच CT2193), जो सर्दी-खांसी और बैक्टीरियल संक्रमण में दी जाती है। Assay Test में फेल पाई गई। इसका मतलब है कि दवा में सक्रिय तत्व की मात्रा निर्धारित मानक से कम थी।
मैकलियोड्स फार्मास्युटिकल्स की फंगल क्रीम मिली नकली
सबसे चौंकाने वाला मामला मैकलियोड्स फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड की क्लोबेटासोल, नियोमाइसिन और माइकोनाजोल युक्त क्रीम का है। यह फंगल इन्फेक्शन में दी जाती है। इस दवा को “Spurious” (नकली) घोषित किया गया है। यानी यह किसी असली ब्रांड की नकल कर बनाई गई थी।
इस कंपनी के पास लाइसेंस नहीं था। इस कंपनी ने किसी दूसरी कंपनी का ब्रांड नाम इस्तेमाल किया। स्वास्थ्य मंत्रालय ने मामले को गंभीरता से लिया है और जांच शुरू कर दी है।
पैरासिटामॉल क्वालिटी टेस्ट में फेल
HSN बॉयोटेक की पैरासिटामॉल टैबलेट (500 mg), एड केम फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड की एसेक्लोफेनिक-पैरासिटामॉल टैबलेट, और स्वेफन फार्मास्युटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड की डाइक्लोफैनिक-पैरासिटामॉल टेबलेट भी क्वालिटी टेस्ट में फेल रहीं। इनमें Assay और Misbranded जैसी श्रेणियों में खामी पाई गई।
जानिए इन दवाओं की कितनी है खपत
रायपुर दवा संघ के उपाध्यक्ष अश्वनी विग के अनुसार राजधानी सहित प्रदेश भर में दवा का करोड़ों का कारोबार है। इसमें से एल्बेंडाजोल की एक महीने में औसत खपत 8-10 लाख की है। इसी तरह से एमोक्सिलीन का मंथली कारोबार प्रदेश में 8 लाख, पैरासिटामॉल का कारोबार लगभग 2 करोड़, क्लोबेटासोल प्रोपियोनेट नियोमाइसिन सल्फेट और माइकोनाज़ोल नाइट्रेट क्रीम की 200 पेटियों की खपत है।
फार्माकॉपिया फार्मूले से बनती है दवा
दवा कारोबारियों के अनुसार किसी भी दवा का निर्माण फार्माकॉपिया फार्मूले से होता है। दवा की पैकेजिंग में ये डिटेल से लिखा होता है। दवा कंपनियों के अलावा शासकीय एजेंसियां इसी फार्मूले के आधार पर दवा की जांच करते हैं। दवा की पैकेजिंग में लिखा फॉर्मूला और जांच के दौरान दवा में पाया जाने वाला फॉर्मूला अलग-अलग होता है, तो उसे अमानक बता दिया जाता है।
CDSCO हर महीने करता है क्वालिटी चेक
दवाइयों का क्वालिटी चेक हर महीने होता है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) दवाइयों के सैंपल्स की जांच करता है। जो दवाइयां क्वालिटी टेस्ट में फेल या नकली पाई जाती हैं, उनकी लिस्ट CDSCO की वेबसाइट पर डाली जाती है।
सितंबर में जांच किए गए कुल 112 NSQ सैंपल्स और एक नकली दवा की लिस्ट जारी की गई।
ऐसी दवाओं से बचने के तरीके
- पर्चे की जांच करें: दवा खरीदने से पहले उसका बैच नंबर और मैन्युफैक्चरिंग डेट देखें। CDSCO की वेबसाइट पर NSQ दवाइयों की लिस्ट चेक करें।
- लाइसेंस्ड मेडिकल स्टोर से खरीदें: हमेशा भरोसेमंद दुकान से दवाइयां लें।
- डॉक्टर से सलाह लें: अगर दवा की क्वालिटी पर शक हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।