भारतीय बैडमिंटन स्टार किरण जॉर्ज ने जर्मनी में चल रहे Hylo Open Super 500 टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करते हुए बड़ा उलटफेर किया है।
उन्होंने फ्रांस के विश्व रैंकिंग में 15वें नंबर और आठवें वरीय खिलाड़ी टोमा जूनियर पोपोव को हराकर पुरुष एकल क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया।
69 मिनट के संघर्ष में रचा इतिहास
दुनिया के 38वें नंबर के खिलाड़ी किरण ने 69 मिनट तक चले इस रोमांचक मुकाबले में बेहतरीन फाइट दिखाई।
पहला गेम हारने के बावजूद उन्होंने शानदार वापसी करते हुए 18-21, 21-18, 21-19 से मुकाबला जीत लिया।
यह जीत न सिर्फ इस टूर्नामेंट में अब तक का सबसे बड़ा अपसेट है, बल्कि किरण के करियर की सबसे यादगार जीतों में से एक बन गई है।
प्रकाश पादुकोण अकादमी के शटलर किरण की लगातार प्रगति
25 वर्षीय किरण जॉर्ज प्रकाश पादुकोण बैडमिंटन अकादमी (PPBA) में ट्रेनिंग लेते हैं।
उन्होंने इस साल जनवरी में हुए इंडिया ओपन सुपर 750 में भी क्वार्टर फाइनल तक पहुंचकर अपनी क्षमता का परिचय दिया था।
इससे पहले वह दो सुपर 100 खिताब — ओडिशा ओपन 2022 और इंडोनेशिया मास्टर्स 2023 — जीत चुके हैं।
अब क्वार्टर फाइनल में किरण का सामना इंडोनेशिया के दूसरे वरीय जोनाथन क्रिस्टी या चीनी ताइपे के ची यू जेन से होगा।
लक्ष्य सेन और रक्षिता रमेश की भी शानदार जीत
भारत के लिए दिन और भी खुशियों भरा रहा क्योंकि
लक्ष्य सेन और रक्षिता रमेश ने भी अपने-अपने मुकाबले जीतकर क्वार्टर फाइनल में जगह बना ली।
विश्व चैंपियनशिप 2021 के कांस्य पदक विजेता लक्ष्य सेन ने हमवतन एस. सुक्रमण्यन को आसानी से 21-14, 21-11 से हराया।
अब लक्ष्य अगले दौर में फ्रांस के चौथे वरीय एलेक्स लेनियर से भिड़ेंगे।
वहीं, महिला सिंगल्स में रक्षिता रमेश ने एक ऑल-इंडियन मुकाबले में
श्रीयांशी वलिशेट्टी को 58 मिनट तक चले मैच में 19-21, 21-8, 21-13 से मात दी।
क्वार्टर फाइनल में उनका मुकाबला डेनमार्क की छठी वरीय लाइन क्रिस्टोफरसन से होगा।
भारत का प्रदर्शन अब तक बेहतरीन
Hylo Open के मौजूदा संस्करण में भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन अब तक शानदार रहा है।
पुरुष एकल वर्ग में किरण जॉर्ज, लक्ष्य सेन और आयुष शेट्टी अभी भी टूर्नामेंट में बने हुए हैं।
आयुष का अगला मुकाबला छठे वरीय और पूर्व विश्व चैंपियन लोह कीन येव (सिंगापुर) से होगा।
महिला वर्ग में रक्षिता रमेश का प्रदर्शन खासा प्रभावशाली रहा है।
निष्कर्ष: भारतीय खिलाड़ियों की मजबूत वापसी
किरण जॉर्ज की यह जीत भारतीय बैडमिंटन के लिए नई उम्मीद लेकर आई है।
एक ओर जहां लक्ष्य सेन अपने अनुभव से टूर्नामेंट में संतुलन बनाए हुए हैं,
वहीं किरण और रक्षिता जैसे युवा खिलाड़ी भारतीय कंटिंजेंट के आत्मविश्वास को नई ऊँचाइयों तक ले जा रहे हैं।
अगर आने वाले दौरों में ये प्रदर्शन बरकरार रहा,
तो Hylo Open 2025 भारतीय बैडमिंटन के लिए एक ऐतिहासिक टूर्नामेंट साबित हो सकता है।