UPSC जल्द लाएगा स्क्रीन रीडर सॉफ्टवेयर: दृष्टिबाधित अभ्यर्थियों के लिए नई सुविधा पर सुप्रीम कोर्ट को जानकारी

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संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है कि वह अपनी परीक्षाओं में दृष्टिबाधित यानी नेत्रहीन और कम दृष्टि वाले अभ्यर्थियों के लिए स्क्रीन रीडर सॉफ्टवेयर शुरू करने जा रहा है। यह सुविधा तभी लागू की जाएगी जब सभी तकनीकी व्यवस्था और परीक्षण पूरी तरह तैयार हो जाएं। आयोग का कहना है कि अगले परीक्षा सत्र से इसे शुरू करने की योजना है।


सुप्रीम कोर्ट में क्या कहा UPSC ने?

  • आयोग ने अपने अतिरिक्त हलफनामे में बताया कि दृष्टिबाधित उम्मीदवारों के लिए स्क्रीन रीडर सॉफ्टवेयर लागू करने पर सहमति बन चुकी है।

  • हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि अभी तक परीक्षा केंद्रों पर आवश्यक तकनीकी ढांचा मौजूद नहीं है।

  • जैसे ही देशभर के परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षित सॉफ्टवेयर, कंप्यूटर सिस्टम और टेस्टिंग की सुविधा उपलब्ध होगी, इसे लागू कर दिया जाएगा।

यह हलफनामा उस याचिका के जवाब में दाखिल किया गया था, जिसमें कहा गया था कि UPSC परीक्षाओं में दृष्टिबाधित उम्मीदवारों को बराबरी का अवसर नहीं मिल रहा।


⚖️ क्या बोली सुप्रीम कोर्ट की बेंच?

  • मामला जस्टिस विक्रम नाथ और संदीप मेहता की बेंच के सामने आया।

  • याचिकाकर्ता (मिशन एक्सेसिबिलिटी संस्था) ने मांग की कि UPSC इस सुविधा को अगले परीक्षा सत्र से पहले अनिवार्य रूप से लागू करे

  • सुप्रीम कोर्ट ने UPSC से पूछा कि इस सिस्टम को लागू करने में कितना समय लगेगा।

  • UPSC के वकील ने जवाब दिया कि इसे अगले वर्ष की परीक्षा चक्र में लागू करने का प्रयास है।

बेंच ने यह भी कहा कि अगर यह सुविधा केवल कुछ शहरों तक सीमित रही, तो दृष्टिबाधित उम्मीदवारों को लंबी यात्रा करनी पड़ेगी, जो उचित नहीं होगा।


UPSC किन तैयारियों में जुटा है?

UPSC ने बताया कि:

  • आयोग के पास खुद की परीक्षा व्यवस्था नहीं है; वह राज्य सरकारों और जिला प्रशासन पर निर्भर रहता है।

  • इसलिए आयोग ने 7 जुलाई को सभी कलेक्टरों, कमिश्नरों को पत्र भेजकर आवश्यक इंतजाम करने को कहा।

  • सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को भी समन्वय करने के निर्देश दिए गए।

  • जुलाई 22-25 के बीच UPSC अधिकारियों ने समन्वयक अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठकें कीं, जिनमें इन विषयों पर चर्चा हुई:
    ✅ परीक्षा केंद्रों पर कंप्यूटर/लैपटॉप और स्क्रीन रीडर व्यवस्था
    ✅ अभ्यर्थियों की संख्या
    ✅ सुरक्षित डिजिटल प्रश्नपत्र ट्रांसमिशन
    ✅ सॉफ्टवेयर खरीद और टेस्टिंग
    ✅ प्रत्येक शहर में कम से कम एक सक्षम परीक्षा केंद्र


NIEPVD और अन्य संस्थानों की मदद

  • UPSC ने देहरादून स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर एम्पावरमेंट ऑफ पर्सन्स विद विजुअल डिसएबिलिटी (NIEPVD) से अनुरोध किया कि उनकी लैब्स का इस्तेमाल परीक्षा के लिए किया जा सके।

  • 28 जुलाई को UPSC और NIEPVD अधिकारियों की बैठक हुई जिसमें स्क्रीन रीडर सॉफ्टवेयर द्वारा Objective और Subjective प्रश्नों को कैसे पढ़ा जाए, इस पर चर्चा की गई।

  • दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (DEPwD) ने कहा कि वे इन केंद्रों को विशेष परीक्षा केंद्र बनाने के लिए तैयार हैं, लेकिन परीक्षा प्रोटोकॉल, प्रश्नपत्र की सुरक्षा और तकनीकी सिस्टम UPSC को ही संभालना होगा।


मुख्य बातें संक्षेप में

मुद्दा वर्तमान स्थिति
सुविधा स्क्रीन रीडर सॉफ्टवेयर लागू करने का निर्णय
लागू समय अगले परीक्षा सत्र (संभावित 2026)
ज़िम्मेदारी UPSC + राज्य प्रशासन + NIEPVD
सुप्रीम कोर्ट रुख UPSC से समयसीमा स्पष्ट करने को कहा
उद्देश्य दृष्टिबाधित उम्मीदवारों को समान अवसर देनाa

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