देश में कचरा केवल समस्या नहीं, अब कमाई का साधन भी बनता जा रहा है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने जानकारी दी है कि केंद्र सरकार ने 2021 से अब तक कचरा निस्तारण से 4,086 करोड़ रुपये की कमाई की है। साथ ही 2.31 करोड़ स्क्वेयर फीट जमीन को कचरे से मुक्त कर उपयोग के लिए तैयार किया गया है।
यह उपलब्धि स्वच्छता विशेष अभियान 5.0 का हिस्सा है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर शुरू किया गया था। जितेंद्र सिंह ने कहा कि इसने देश में स्वच्छता को एक आंदोलन का रूप दे दिया।
️ दिल्ली के ‘कूड़े के पहाड़’ — क्या वाकई कम हो रहे हैं?
दिल्ली में गाज़ीपुर, भलस्वा और ओखला के कूड़े के पहाड़ लंबे समय से राजनीतिक मुद्दा रहे हैं। विपक्ष बार-बार सवाल पूछता है कि करोड़ों खर्च होने के बाद भी ये लैंडफिल साइट्स क्यों खड़ी हैं।
लेकिन एमसीडी अधिकारियों का दावा कुछ और कहता है:
-
अब तक 7 लैंडफिल साइट्स से कचरा हटाकर 46 एकड़ जमीन खाली की जा चुकी है।
-
इस जमीन का प्रयोग पौधारोपण और आधुनिक कचरा प्रबंधन सुविधाओं के लिए किया जा रहा है।
-
लैंडफिल साइट्स से हर दिन औसतन 25,000 मीट्रिक टन कचरा प्रोसेस किया जा रहा है।
यानी, धीरे-धीरे ही सही, लेकिन दिल्ली कूड़े के पहाड़ों से मुक्त होने की दिशा में बढ़ रही है।
⚙️ कचरे से कमाई कैसे हो रही है?
सरकार कचरे को सिर्फ नष्ट नहीं कर रही, बल्कि उसे संसाधन के रूप में इस्तेमाल कर रही है:
| तरीका | कमाई/उपयोग |
|---|---|
| अपशिष्ट से ऊर्जा (Waste-to-Energy) | बिजली उत्पादन |
| कबाड़/धातु की रीसाइक्लिंग | नीलामी से राजस्व |
| प्रोसेस्ड कचरे की बिक्री | सड़क निर्माण, लैंडफिल लेवलिंग |
| कबाड़ से क्रिएटिव उपयोग | सरकारी कार्यालयों में डिस्प्ले और नीलामी |
क्या दिल्ली पूरी तरह कूड़ा मुक्त हो सकती है?
✔ सरकार और एमसीडी की संयुक्त कोशिश
✔ नई टेक्नोलॉजी (बायोमाइनिंग, वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट्स)
✔ जनता की भागीदारी और जागरूकता
✔ लेकिन — रोज़ बढ़ते कचरे के मुकाबले प्रोसेसिंग की रफ्तार अभी भी धीमी
✅ निष्कर्ष
-
केंद्र सरकार ने कचरे से सिर्फ सफाई नहीं, बल्कि आर्थिक लाभ (₹4,086 करोड़) भी कमाया।
-
दिल्ली में अब तक 46 एकड़ जमीन कूड़े से मुक्त, लेकिन बड़े लैंडफिल पूरी तरह हटने में अभी समय लगेगा।
-
असली समाधान तभी संभव है जब सरकारी योजनाएं + जनता की जिम्मेदारी + नई तकनीक एक साथ काम करें।