यह कहानी एक ऐसे लड़के की है, जिसे कभी पढ़ाई में ‘एवरेज’ कहा जाता था, जो मैथ्स से डरता था और जिसकी जिंदगी में एक ऐसा दौर भी आया जब पिता की नौकरी छिन गई, घर बिक गया, स्कूटर बिक गया और पूरी फैमिली को किसी छोटे से किराए के कमरे में शिफ्ट होना पड़ा। यह वही लड़का है—अलख पांडे, जो आज देश-दुनिया में फिजिक्स वाला के नाम से मशहूर है और जिसकी कंपनी की वैल्यूएशन लगभग 30,000 करोड़ रुपए तक पहुंच चुकी है। बेहद मामूली हालातों में पला-बढ़ा यह लड़का आज एक एडटेक यूनिकॉर्न का फाउंडर है और इतनी बड़ी सफलता हासिल कर चुका है कि उसकी नेटवर्थ शाहरुख खान की कुल संपत्ति से भी आगे निकल गई है।
अलख की कंपनी ने अब IPO लॉन्च किया है, जिसे 11 नवंबर को ओपन किया गया था और दो दिनों में ही यह 13% सब्सक्राइब हो गया। आज इस IPO को सब्सक्राइब करने का आखिरी मौका है। कंपनी ने इसका प्राइस बैंड 103 से 109 रुपए के बीच तय किया है और कुल 3,100 करोड़ रुपए का फ्रेश इश्यू और 380 करोड़ रुपए का ऑफर फॉर सेल शामिल किया गया है। अलख और उनके को-फाउंडर प्रतीक बूब OFS के जरिए 190-190 करोड़ रुपए के शेयर बेच रहे हैं। रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए लॉट साइज 137 शेयर का रखा गया है, यानी कम-से-कम करीब पंद्रह हजार रुपए का इन्वेस्टमेंट जरूरी है।
इनक्रेड जैसे ब्रोकरेज इस IPO को सब्सक्राइब करने की सलाह देते हैं, क्योंकि कंपनी की ब्रांड वैल्यू और डिजिटल इकोसिस्टम दोनों ही मजबूत हैं। हालांकि, अलख की लोकप्रिय छवि पर अत्यधिक निर्भरता और टीचर्स के तेजी से बदलने जैसी चुनौतियाँ भी मौजूद हैं। SBI सिक्योरिटीज इसे सावधानी के साथ “न्यूट्रल” रेटिंग देता है और निवेशकों को सलाह देता है कि लिस्टिंग के बाद कंपनी के प्रदर्शन को देखने के बाद ही बड़ा फैसला लें। वहीं आनंद राठी इसे खरीदने की सलाह देते हुए इसके हाइब्रिड मॉडल की तारीफ करते हैं, जो डिजिटल शिक्षा को ऑफलाइन विस्तार से जोड़ता है।
लेकिन अलख की कहानी सिर्फ बिजनेस की नहीं, बल्कि एक संघर्ष की मिसाल है। 1991 में प्रयागराज के एक सामान्य परिवार में पैदा हुए अलख उस समय आठवीं क्लास में थे जब पिता की नौकरी चली गई और परिवार की आर्थिक हालत बुरी तरह टूट गई। पिता दो वक्त की रोटी चलाने के लिए साइकिल पर तेल बेचने लगे और आलम यह था कि अलख खुद घर चलाने के लिए छोटे बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने लगे। तभी उन्हें एहसास हुआ कि वे जन्मजात शिक्षक हैं और यही जुनून उन्हें आगे ले जाएगा।
कॉलेज तक पहुँचते-पहुँचते उनका मन पारंपरिक शिक्षा से उचाट हो चुका था। परिवार ने मना किया, फिर भी उन्होंने कॉलेज छोड़ दिया और फुल-टाइम ट्यूशन देने लगे। जीवन की मुश्किलें आसान नहीं थीं—कोचिंग जाने के लिए दोस्त की बाइक पर निर्भर रहना पड़ता, कई बार डर लगता कि पेट्रोल न खत्म हो जाए। इसी बीच 2015 में उन्होंने फेसबुक पर शैक्षिक कंटेंट डालने की कोशिश की, जो असफल रही। लेकिन हार मानने का सवाल ही नहीं था।
2016 में उन्होंने यूट्यूब चैनल बनाया—“फिजिक्स वाला”। यही वह मोड़ था, जिसने उनकी जिंदगी की दिशा बदल दी। उनकी देसी भाषा, मज़ेदार शायरी, सरल अंदाज और छात्रों से भावनात्मक जुड़ाव ने जल्दी ही उन्हें लोकप्रिय बना दिया। पहली कमाई महज़ 8,000 रुपए आई, लेकिन यह उनके सपनों को ईंधन देने के लिए काफी थी। उन्होंने कोचिंग की नौकरी छोड़कर पूरा समय यूट्यूब को दे दिया। 2020 आते-आते उन्होंने अपना खुद का ऐप लॉन्च किया, जिसमें कुछ ही दिनों में हज़ारों छात्र जुड़ गए।
कोविड ने उनकी कंपनी की रफ्तार को और तेज कर दिया। ऑनलाइन क्लासेस का दायरा बढ़ा, ऐप के यूज़र्स लाखों से करोड़ों में पहुँचे और आज स्थिति यह है कि PW ऐप पर 1 करोड़ से ज्यादा पेड यूज़र्स हैं, जबकि उनके 80 यूट्यूब चैनल्स करोड़ों बच्चों को मुफ्त में शिक्षा उपलब्ध कराते हैं। 2020 में कोटा में पहला ऑफलाइन सेंटर खुला और आज पूरे देश के 100 से ज्यादा शहरों में PW के 120 से अधिक सेंटर मौजूद हैं। उनकी कम फीस—जहां JEE और NEET की तैयारी सिर्फ 2,000 से 5,000 रुपए में—ने इस ब्रांड को छात्रों का हीरो बना दिया।
कंपनी की फाइनेंशियल्स भी विस्तार का संकेत देती हैं, भले ही प्रॉफिटेबिलिटी प्रेशर में हो। FY25 में कंपनी का रेवेन्यू लगभग 2,886 करोड़ रहा, जबकि FY24 में यह 1,940 करोड़ था। तेजी से विस्तार और नए सेंटर्स खोलने के कारण नेट लॉस भी बढ़ा, लेकिन लंबी अवधि में कंपनी के मॉडल में संभावनाओं की कमी नहीं है।
हुरुन इंडिया रिच लिस्ट 2025 के अनुसार अलख पांडे की नेटवर्थ 14,510 करोड़ रुपए है, जबकि बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान की कुल संपत्ति करीब 12,490 करोड़ है। इस तुलना के साथ ही यह कहानी इस बात का प्रमाण बन जाती है कि सही दिशा, मेहनत और शिक्षा के प्रति जुनून किसी भी सामान्य व्यक्ति को असाधारण ऊंचाई तक पहुंचा सकता है।
अलख पांडे आज सिर्फ एक उद्यमी नहीं, बल्कि लाखों छात्रों के लिए प्रेरणा हैं—एक ऐसी प्रेरणा जो बताती है कि जिंदगी कितनी भी कठिन क्यों न हो, निरंतर संघर्ष आपको उन ऊंचाइयों तक ले जा सकता है जिसे कभी आप सिर्फ सपना समझते थे।