Title: मेटा के AI चीफ की बच्चों को नसीहत—13 साल की उम्र में शुरू करें ‘Vibe-Coding’, तभी बन पाएंगे भविष्य के लीडर
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने दुनिया की दिशा बदल दी है, और आने वाले समय में इसकी गति और भी तेज होने वाली है। इसी बदलते दौर को समझते हुए Meta के चीफ AI ऑफिसर Alexandr Wang ने नई पीढ़ी के बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण सलाह दी है। उनका कहना है कि जो बच्चे 13 साल की उम्र से ही AI सीखना शुरू कर देंगे, वही आने वाले दशक में दुनिया का नेतृत्व करेंगे। जिस तरह किशोरावस्था में बिल गेट्स और मार्क जुकरबर्ग ने कंप्यूटर की दुनिया को गहराई से समझना शुरू किया था, उसी तरह आज के बच्चों को AI टूल्स के साथ समय बिताना चाहिए।
Wang का तर्क साफ है—AI सिर्फ एक टेक्नोलॉजी नहीं, बल्कि 21वीं सदी की सबसे महत्वपूर्ण स्किल है। Meta Connect 2025 में TBPN पॉडकास्ट के दौरान उन्होंने खासतौर पर एक शब्द इस्तेमाल किया—‘Vibe-Coding’। उनका कहना है कि अगर कोई बच्चा 13 साल का है, तो उसे अपना ज्यादातर समय vibe-coding में लगाना चाहिए, यानी AI टूल्स, कोडिंग असिस्टेंट्स और मशीन लर्निंग मॉडल्स के साथ प्रयोग करना चाहिए। यह उसी तरह का समय है जैसा 80s में गेट्स और जुकरबर्ग के पास था, जब कंप्यूटर क्रांति का दौर शुरू हो रहा था।
क्या है Vibe-Coding?
यह पारंपरिक पढ़ाई की तरह नहीं है कि किताब खोलकर नियम रट लिए जाएं। Vibe-Coding का मतलब है—AI को छूकर, समझकर, गलतियाँ करके, दोबारा करके सीखना। AI चैटबॉट्स, कोडिंग असिस्टेंट्स, जनरेटिव मॉडल्स और इंटरेक्टिव सिम्युलेशन्स के साथ खेलना ही vibe-coding है। Wang का दावा है कि अगर कोई बच्चा 10,000 घंटे AI के साथ प्रयोग करता है, तो वह किसी भी पारंपरिक पढ़ाई से कहीं आगे निकल सकता है। उनकी नजर में, “AI को इस्तेमाल करना सीखना ही असली गेम-चेंजर है।”
Meta की AI रेस और Wang की अहम भूमिका
Meta इस समय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दौड़ में Google और OpenAI जैसे दिग्गजों को चुनौती देने की तैयारी कर रही है। कंपनी restructuring के दौर से गुजर रही है—AI डिवीजन में करीब 600 लोगों की छंटनी भी हो चुकी है, लेकिन Superintelligence Labs की टीम को इसका असर नहीं झेलना पड़ा। इससे साफ है कि Meta पूरी ताकत भविष्य की AI टेक्नोलॉजी पर लगा रही है और Alexandr Wang का यह संदेश उसी रणनीति का हिस्सा है।
कुल मिलाकर, Wang का यह संदेश सिर्फ बच्चों के लिए नहीं, बल्कि सभी माता-पिता के लिए भी चेतावनी जैसा है—अगर भविष्य की दुनिया में बच्चों को सफल बनाना है, तो उन्हें AI और उसके टूल्स से अभी से परिचित कराना होगा। जैसे 90s में कंप्यूटर सीखना एक क्रांति था, वैसे ही अगली क्रांति AI से जुड़ी है। जो बच्चे अभी शुरुआत करेंगे, वही कल की दुनिया में सबसे आगे होंगे।