बिलासपुर नगर निगम में टैक्स वसूली के आढ़ में हो रहा फ्रॉड, शासन स्तर पर होगी जांच…!

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टैक्स वसूली की आड़ में फर्जीवाड़ा किए जाने के मामले में स्पायरो के अफसरों पर शासन स्तर पर कार्रवाई होगी। अभी जांच की जा रही है, इसमें और भी खुलासे होने की संभावना है। फर्जी चेक के मामले में निगम ने स्पायरो के दफ्तर को सील किया था, जिसे निगम ने खोल दिया है। निगम का कहना है कि वसूली प्रभावित न हो इसलिए दफ्तर खोला गया है।

रांची की निजी कंपनी मेसर्स स्पायरो साफ्ट टेक लिमिटेड को टैक्स वसूली का ठेका देना निगम के लिए घाटे का सौदा है। टेंडर के अनुसार कंपनी को 90% टैक्स वसूल करना है, लेकिन एक बार भी कंपनी 69% से ज्यादा टैक्स नहीं वसूल सकी। फिर भी निगम कंपनी को 7.15% कमीशन दे रहा है। कंपनी इसलिए डिमांड पूरा नहीं कर पा रही है, क्योंकि वे टैक्स वसूली की आड़ में हेरा-फेरी कर अपनी जेब भर रही है।

यही कारण है निगम का कोष खाली रहता है। स्पायरो पिछले पांच साल में सिर्फ 65% के औसत से टैक्स वसूल सकी है। इधर टैक्स वसूली की आड़ में कंपनी के अ​िधकारी-कर्मचारी निगम को ही चूना लगा रहे हैं। बिलासपुर और भिलाई दोनों ही निगमों में निजी कंपनी टैक्स वसूल रही है, लेकिन दोनों ही निकायों में कमीशन अलग-अलग हैं।

बिलासपुर में स्पायरो को 7.15 % तो भिलाई में श्री पब्लिकेशन को सिर्फ 5.60% कमीशन दिया जा रहा है। दोनों ही निकायों में 2017 में जब टैक्स वसूली का ठेका हुआ ताे यह 5 साल के लिए था। दोनों निकायों में स्पायरो को ही ठेका मिला था। जून 2022 तक स्पायरो काे टैक्स वसूलना था। भिलाई में नया ठेका हो गया, वहीं बिलासपुर में स्पायरो को एक्सटेंशन दे दिया गया। अब कंपनी के अधिकारी-कर्मचारी मनमानी कर रहे हैं।

डिमांड बढ़ता गया, 90% वसूली कभी नहीं

  • 2018-19 में 24.41 कराेड़ का डिमांड था, जिसमें स्पायरो सिर्फ 65% ही वसूल सकी थी।
  • 2019-20 में 43.17 कराेड़ के डिमांड में 26.54 करोड़ की वसूली
  • 2020-21 में 47.88 कराेड़ के डिमांड में 30.96 करोड़ की वसूली।
  • 2021-22 में 48.52 कराेड़ के डिमांड में 31.50 करोड़ की वसूली।
  • 2022-23 में 54 करोड़ के डिमांड मे अब तक सिर्फ 21 करोड़ की ही वसूली हो सकी है

59 हजार घर और मकान है दायरे में

रांची की निजी कंपनी स्पायरो साफ्ट टेक प्राइवेट लिमिटेड ने चालू वित्तीय वर्ष में शहर के 59 हजार घरों से 56.63 करोड़ की टैक्स वसूली के टारगेट में 5 माह में सिर्फ 12.16 करोड़ यानी सिर्फ 21.47% ही वसूल सकी है। इधर निगम की टीम आउटर के वार्डों के 68 हजारों घरों से स्पायरो की तुलना में अच्छी वसूली कर रही है।

कंपनी को सस्पेंड करने की मांग

कंपनी के कारनामे को देखकर नगरीय प्रशासन में स्पायरो को सस्पेंड करने की मांग उठ रही है। कांग्रेस सरकार में कंपनी पर कोई ठाेस कार्रवाई नहीं हुई, लेकिन अब भाजपा की सरकार है। ऐसे में कंपनी पर ठोस कार्रवाई की उम्मीद है।

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