राजधानी दिल्ली में लगातार बिगड़ती वायु गुणवत्ता के खिलाफ इंडिया गेट पर प्रदर्शन उस समय हिंसक हो गया, जब भीड़ को नियंत्रित करने पहुंचे पुलिसकर्मियों पर कुछ प्रदर्शनकारियों ने अचानक पेपर स्प्रे से हमला कर दिया। घटना में करीब चार पुलिसकर्मी घायल हो गए, जिन्हें तुरंत राम मनोहर लोहिया (RML) अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज जारी है। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 15 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ FIR दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि दिल्ली में ‘बेहद खराब’ होती हवा के खिलाफ सरकार को तुरंत ठोस कदम उठाने चाहिए, लेकिन जब भीड़ ने तय जगह से आगे बढ़ने की कोशिश की, तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया। सी-हेक्सागन क्षेत्र में जब बैरिकेड पार करने की कोशिश हुई, तो पुलिस ने समझाया कि पीछे एम्बुलेंस और डॉक्टर फंसे हुए हैं। इसके बावजूद भीड़ उग्र हो गई और पेपर स्प्रे का इस्तेमाल किया, जिससे हालात और बिगड़ गए।
इस पूरे घटनाक्रम को और विवादित बना दिया उन पोस्टरों ने, जो प्रदर्शन के दौरान नक्सली कमांडर हिडमा के समर्थन में लहराए गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ लोगों ने हिडमा के समर्थन में नारे भी लगाए, जिसके बाद यह प्रोटेस्ट राजनीतिक रंग लेने लगा। BJP नेताओं ने इस घटना को बेहद गंभीर बताते हुए सवाल उठाए हैं कि प्रदूषण के नाम पर हो रहे प्रदर्शन में नक्सली पोस्टरों की क्या जरूरत थी।
दिल्ली पुलिस के उपायुक्त देवेश कुमार महला ने बताया कि यह पहली बार हुआ है जब किसी प्रदर्शन में पुलिस टीम पर पेपर स्प्रे का सीधा हमला किया गया। पेपर स्प्रे एक गैर-घातक रसायन है, जिसका इस्तेमाल आमतौर पर आत्मरक्षा के लिए किया जाता है, लेकिन इसकी बौछार से आंखों में तेज जलन और सांस लेने में दिक्कत पैदा होती है। घायल जवानों की हालत स्थिर बताई जा रही है।
प्रदूषण पर कार्रवाई की मांग से शुरू हुआ यह प्रदर्शन अचानक हिंसा और राजनीतिक विवाद का रूप ले चुका है। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि भीड़ में पेपर स्प्रे किसने और क्यों इस्तेमाल किया, और नक्सली पोस्टर किस उद्देश्य से लाए गए थे। दिल्ली जैसे संवेदनशील राजधानी क्षेत्र में इस तरह की घटना ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता भी बढ़ा दी है।