देश के 53वें CJI बने जस्टिस सूर्यकांत—शपथ के बाद भाई-बहन के पैर छुए, पूर्व CJI गवई से गले मिले; अंतरराष्ट्रीय जज भी रहे मौजूद

Spread the love

सोमवार का दिन भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में एक खास पल लेकर आया, जब जस्टिस सूर्यकांत ने देश के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें राष्ट्रपति भवन में पद की शपथ दिलाई।

शपथ के तुरंत बाद जस्टिस सूर्यकांत ने अपने बड़े भाई और बहन के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया। परिवार के कई सदस्य इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बने। इसके बाद वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह से भी मिले। पूर्व CJI बी.आर. गवई से मिलते समय दोनों के बीच भावनात्मक आलिंगन देखने को मिला।

पहली बार इतने बड़े अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल की मौजूदगी

इस शपथ समारोह को खास बनाता है वह क्षण जब ब्राजील, भूटान, केन्या, मलेशिया, मॉरिशस, नेपाल और श्रीलंका के मुख्य न्यायाधीश भी समारोह का हिस्सा बने। भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि किसी CJI के शपथ ग्रहण में इतने देशों के न्यायिक प्रमुख मौजूद रहे।

पूर्व CJI बी.आर. गवई ने भी एक नई परंपरा स्थापित की—उन्होंने अपनी आधिकारिक गाड़ी राष्ट्रपति भवन में ही अपने उत्तराधिकारी जस्टिस सूर्यकांत के लिए छोड़ दी।


जस्टिस सूर्यकांत का कार्यकाल—14 महीने

पदभार ग्रहण करने के बाद उनका कार्यकाल लगभग 14 महीने का होगा और वे 9 फरवरी 2027 को रिटायर होंगे।


ग्रामीण पृष्ठभूमि से देश के सर्वोच्च न्यायिक पद तक

जस्टिस सूर्यकांत की व्यक्तिगत यात्रा बेहद प्रेरणादायक रही है।

  • उनका बचपन हरियाणा के पेटवाड़ गांव में बीता।

  • 10वीं तक की पढ़ाई गांव के स्कूल में की और उसके बाद पहली बार शहर देखा।

  • पिता मदनमोहन शास्त्री संस्कृत शिक्षक और प्रसिद्ध साहित्यकार थे।

  • मां गृहिणी थीं। चार भाइयों और एक बहन में सूर्यकांत सबसे छोटे हैं।

उनके बड़े भाई ऋषिकांत बताते हैं कि विवाह के वक्त सूर्यकांत ने साफ कह दिया था कि “दहेज में एक चम्मच भी नहीं लूंगा।”
1987 में उनका विवाह जींद की प्रोफेसर सविता शर्मा से हुआ, जो बाद में कॉलेज प्रिंसिपल रहीं।
दो बेटियां—मुग्धा और कनुप्रिया—पढ़ाई कर रही हैं।

सूर्यकांत आज भी गांव से गहरा जुड़ाव रखते हैं।

  • हर साल गांव के दोनों स्कूलों के टॉपर्स को सम्मानित करते हैं।

  • पूर्वजों के नाम पर बने तालाब पर अनिवार्य रूप से जाते हैं।

  • गांव आने पर घर में बथुआ, बाजरे की रोटी और कढ़ी अवश्य बनती है।


जस्टिस सूर्यकांत के यादगार फैसले

सूर्यकांत ने संवैधानिक, मानवाधिकार और प्रशासनिक कानून से जुड़े 1000 से अधिक निर्णयों में भूमिका निभाई है। उनके कुछ प्रमुख फैसले—

  • आर्टिकल 370 हटाने के फैसले को बरकरार रखने वाली बेंच का हिस्सा।

  • डेरा सच्चा सौदा हिंसा के बाद पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की फुल बेंच में महत्वपूर्ण आदेश।

  • राजद्रोह कानून पर रोक और नई FIR दर्ज करने पर पाबंदी का ऐतिहासिक निर्देश।

  • सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन में 1/3 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित करने का महत्वपूर्ण निर्णय।

  • अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक दर्जे पर पुनर्विचार का रास्ता खोलने वाली बेंच में शामिल।

  • पेगासस स्पाइवेयर मामले में स्वतंत्र साइबर पैनल बनाने और सरकार को जवाबदेही में बांधने का नेतृत्व।

  • बिहार SIR मामले में पारदर्शिता के लिए ECI को हटाए गए 65 लाख वोटर्स की सूची सार्वजनिक करने का आदेश।


पेटवाड़—वह गांव जहां से निकला भारत का CJI

हिसार से 50 किमी दूर छोटे से गांव पेटवाड़ ने कई वीर और अधिकारी दिए हैं। गांव में लगे गौरव पट्टों पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, शहीद जवानों और उच्च पदों तक पहुँचे लोगों के नाम दर्ज हैं। इनमें सबसे ऊपर लिखा है—
“जस्टिस सूर्यकांत”

CJI सूर्यकांत की शपथ के फोटोज

शपथ के बाद CJI सूर्यकांत राष्ट्रपति मुर्मू के पास पहुंचे और उनका अभिवादन किया।
शपथ के बाद CJI सूर्यकांत राष्ट्रपति मुर्मू के पास पहुंचे और उनका अभिवादन किया।
CJI सूर्यकांत ने भाई ऋषिकांत (कैप पहने हुए) और बहन राजबाला के भी पैर छुए।
CJI सूर्यकांत ने भाई ऋषिकांत (कैप पहने हुए) और बहन राजबाला के भी पैर छुए।
CJI सूर्यकांत ने ससुर राम प्रताप और सास आरती शर्मा के पैर छुए।
CJI सूर्यकांत ने ससुर राम प्रताप और सास आरती शर्मा के पैर छुए।
CJI सूर्यकांत पीएम मोदी, राजनाथ और अमित शाह से मिलने भी पहुंचे।
CJI सूर्यकांत पीएम मोदी, राजनाथ और अमित शाह से मिलने भी पहुंचे।
CJI सूर्यकांत पूर्व CJI बीआर गवई के गले भी मिले।
CJI सूर्यकांत पूर्व CJI बीआर गवई के गले भी मिले।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *