भारत ने क्विक कॉमर्स (Q-Commerce) में दुनिया को चौंका दिया है। चीन और अमेरिका के बाद अब भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा क्विक कॉमर्स मार्केट बन गया है। 2024 में इस सेक्टर का वैल्यू 5.6 अरब डॉलर (₹50 हजार करोड़) रही और अनुमान है कि 2030 तक यह दोगुना बढ़कर 11 अरब डॉलर (₹1 लाख करोड़) तक पहुंच जाएगा।
सबसे खास बात?—ग्रोथ रेट भारत की बाकी दोनों महाशक्तियों से दोगुनी है।
भारत की ग्रोथ सबसे तेज
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भारत: 15.5%
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चीन: 7.9%
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अमेरिका: 6.72%
इसका मतलब यह है कि आने वाले वर्षों में क्विक कॉमर्स का सबसे बड़ा विस्तार भारत में होगा।
ग्लोबल फंडिंग का 37% हिस्सा अकेले भारत को
2024 में विश्वभर में क्विक कॉमर्स कंपनियों को $2.8 बिलियन (₹25,000 करोड़) की फंडिंग मिली।
इसमें 37% हिस्सा भारतीय कंपनियों—Blinkit, Zepto और Swiggy Instamart—को मिला।
2021 से अब तक इस सेक्टर में ₹45,000 करोड़ से अधिक का निवेश आ चुका है। यह दिखाता है कि निवेशकों का भरोसा भारत पर सबसे ज्यादा है।
क्विक कॉमर्स क्या है?
क्विक कॉमर्स यानी—10 से 30 मिनट के अंदर सामान घर पहुंचाना।
जबकि Amazon-Flipkart जैसे पारंपरिक ई-कॉमर्स में डिलीवरी के लिए 1–2 दिन लगते हैं। क्विक कॉमर्स में अल्ट्रा-फास्ट डिलीवरी होती है।
यह कैसे काम करता है?
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शहरों में छोटे गोदाम—डार्क स्टोर—तैयार किए जाते हैं।
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रोजमर्रा का सामान वहीं स्टॉक रहता है।
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ऐप पर ऑर्डर आते ही नजदीकी डार्क स्टोर से पैकिंग होती है।
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राइडर तुरंत 10–30 मिनट में डिलीवरी कर देता है।
यही मॉडल Blinkit, Zepto और Instamart को सुपरफास्ट बनाता है।
क्विक कॉमर्स के ग्राहक 2024 में 14 करोड़ → 2030 तक 23 करोड़
RedSeer की रिपोर्ट के मुताबिक—
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अभी 14 करोड़ भारतीय q-commerce का इस्तेमाल करते हैं,
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2030 तक 23.3 करोड़ भारतीय इसका हिस्सा होंगे।
अभी 70% बिक्री सिर्फ किराना से आती है, लेकिन तेज रफ्तार से फैशन, इलेक्ट्रॉनिक्स और कॉस्मेटिक्स भी जुड़ रहे हैं।
शीर्ष दिग्गजों का क्या कहना है?
Blinkit के CEO सतिश एन:
“शहरी मिलेनियल्स और Gen-Z सिर्फ सामान नहीं, कन्वीनियंस चाहते हैं। हम उसी पर ध्यान दे रहे हैं।”
Zomato के CEO दीपिंदर गोयल:
“आज क्विक कॉमर्स 5–6 अरब डॉलर का मार्केट है। अगर टियर-2 शहरों में तेजी से विस्तार हो गया, तो 2030 तक यह 50 अरब डॉलर का भी हो सकता है।”