छत्तीसगढ़ की राजधानी के नए प्रशासनिक केंद्र नवा रायपुर में 28 से 30 नवंबर तक होने वाली DGP–IGP कॉन्फ्रेंस को लेकर सुरक्षा और यातायात व्यवस्थाओं में बड़े बदलाव किए गए हैं। रायपुर कलेक्टर गौरव सिंह द्वारा जारी आदेश के अनुसार, कॉन्फ्रेंस की अवधि में रोज़ सुबह 5 बजे से रात 12 बजे तक नवा रायपुर के सभी मार्गों में मध्यम और भारी वाहनों के प्रवेश और आवागमन पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। प्रदेश में हो रहे इस उच्चस्तरीय आयोजन में देशभर के सभी राज्यों के पुलिस प्रमुख, नक्सल ऑपरेशन के वरिष्ठ अधिकारी, केंद्रीय सुरक्षा बलों के शीर्ष प्रतिनिधि और गृह मंत्रालय के अधिकारी शामिल होने जा रहे हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े प्रमुख विषय इस कॉन्फ्रेंस के केंद्र में रहेंगे। नक्सलवाद से निपटने की रणनीति पर विस्तार से चर्चा होगी, क्योंकि देश में नक्सल गतिविधियों का सबसे अधिक प्रभाव अब भी छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में ही दिखाई देता है। केंद्र सरकार पहले ही यह ऐलान कर चुकी है कि अगले साल मार्च तक नक्सलवाद का पूर्ण उन्मूलन सुनिश्चित किया जाएगा। ऐसे में नवा रायपुर में होने वाली यह कॉन्फ्रेंस नक्सलियों पर निर्णायक रणनीति तैयार करने के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
इसके साथ ही पूर्वोत्तर राज्यों की सुरक्षा चुनौतियाँ, सीमा प्रबंधन, आंतरिक सुरक्षा, सामाजिक अशांति और मादक पदार्थों के उभरते खतरों जैसे मुद्दों पर भी विस्तृत विचार-विमर्श होगा। साइबर अपराधों की बढ़ती जटिलता और ‘सूखे नशे’ जैसी नई आपराधिक प्रवृत्तियों पर भी बैठक में गंभीरता से योजनाएँ तैयार की जाएंगी। पुलिसिंग को आधुनिक बनाने, तकनीक आधारित निगरानी को बढ़ावा देने और केंद्र–राज्य के बीच बेहतर समन्वय को सुधारने पर भी विशेष जोर रहेगा। नए आपराधिक कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन और राज्यों की तैयारी का भी मूल्यांकन किया जाएगा।
राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी इस महत्वपूर्ण कॉन्फ्रेंस के कारण नवा रायपुर में आने-जाने वाले बड़े वाहनों को अस्थायी रोक लगाई गई है, ताकि सुरक्षा एजेंसियां बिना किसी व्यवधान के तीन दिवसीय मंथन को सुचारू रूप से संचालित कर सकें। कॉन्फ्रेंस के दौरान पूरे क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को उच्च स्तरीय निगरानी में रखा जाएगा।