सोने और चांदी के बाजार में दिसंबर की शुरुआत तेज़ उछाल के साथ हुई है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक 10 ग्राम सोना आज 2,011 रुपए की तेज़ी के बाद 1,28,602 रुपए पर पहुंच गया, जबकि इससे पहले यह 1,26,591 रुपए था। इसी तरह चांदी में भी जबरदस्त उछाल देखा गया और यह 9,381 रुपए बढ़कर 1,73,740 रुपए प्रति किलो पर टिक गई। कुछ ही हफ्ते पहले अक्टूबर में सोना और चांदी दोनों अपने ऑल-टाइम हाई स्तर को छू चुके हैं—जहां 17 अक्टूबर को सोना 1,30,874 रुपए और 14 अक्टूबर को चांदी 1,78,100 रुपए प्रति किलो के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी।
अक्सर यह सवाल उठता है कि अलग-अलग शहरों में सोने-चांदी के भाव इतने भिन्न क्यों होते हैं। इसकी वजह यह है कि IBJA द्वारा जारी किए गए मूल्यों में 3% GST, मेकिंग चार्ज और ज्वेलर्स का अपना मार्जिन शामिल नहीं होता। यही कारण है कि दिल्ली, मुंबई, रायपुर या किसी भी शहर में आभूषणों की कीमतें अलग-अलग दिखती हैं। कई बड़े बैंक, खासकर पंजाब नेशनल बैंक, अपने गोल्ड लोन रेट्स इन्हीं मानकों के आधार पर तय करते हैं।
2024 के अंत की तुलना में इस पूरे साल सोने-चांदी का सफर बेहद तेज़ रहा है। वर्ष की शुरुआत में 24 कैरेट सोने की कीमत 76,162 रुपए थी, जो अब बढ़कर 1,28,602 रुपए तक जा पहुंची है, यानी पूरे साल में सोना 52,440 रुपए महंगा हुआ है। इसी दौरान चांदी ने भी 87,723 रुपए की भारी छलांग लगाई है। पिछले साल दिसंबर में एक किलो चांदी 86,017 रुपए की थी, जो अब 1,73,740 रुपए प्रति किलो हो गई है। इस लगातार बढ़ती कीमत के पीछे कई आर्थिक और वैश्विक कारण एक साथ काम कर रहे हैं।
सबसे बड़ा कारण है दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों का सोने की ओर बढ़ता रुझान। डॉलर पर निर्भरता कम करने के लिए कई देश अपने रिजर्व में सोने की हिस्सेदारी बढ़ा रहे हैं। जब बड़े बैंक लगातार खरीदारी करते हैं, तो बाजार में मांग बनी रहती है, जिससे कीमतें ऊपर जाती हैं। इसके साथ ही क्रिप्टो मार्केट की अस्थिरता और उसमें बढ़ते नियमों के डर ने निवेशकों का ध्यान सोने की ओर मोड़ दिया है। भारत में पिछले कुछ महीनों के दौरान शेयर बाजार से मिले मिश्रित रिटर्न और शादियों के सीजन ने भी सोने की मांग को लगातार मजबूत बनाए रखा। इन सबके बीच सोना अपनी पारंपरिक पहचान, यानी एक लॉन्ग-टर्म सुरक्षित संपत्ति, के रूप में लोगों का भरोसा और अधिक जीतता जा रहा है, क्योंकि यह नष्ट नहीं होता और महंगाई के मुकाबले अपनी कीमत बचाए रखता है।
कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह तेजी आगे भी जारी रह सकती है। केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया का कहना है कि जियो-पॉलिटिकल तनाव और वैश्विक अनिश्चितता गोल्ड मार्केट को सपोर्ट दे रहे हैं। हालात ऐसे ही बने रहे तो साल के अंत तक सोने की कीमत 1,35,000 रुपए प्रति 10 ग्राम के स्तर को भी छू सकती है।
सोना खरीदते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। हमेशा BIS हॉलमार्क वाला सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें, क्योंकि यही प्रमाण देता है कि सोना शुद्ध है और कितने कैरेट का है। इसके अलावा जिस दिन सोना खरीदें, उसी दिन के रेट्स IBJA की वेबसाइट या अन्य भरोसेमंद स्रोतों से क्रॉस चेक कर लें, क्योंकि 24, 22 और 18 कैरेट में कीमतें अलग होती हैं।
तेजी लगातार बनी रहे या बाजार थोड़ी राहत दे—सोना और चांदी निवेशकों के लिए इस साल अब तक बेहद चमकदार साबित हुए हैं। दिसंबर की शुरुआत भी उसी रफ्तार की याद दिला रही है, जिसमें दोनों धातुएं एक बार फिर अपने चरम स्तर की ओर बढ़ने लगी हैं।