रायपुर के बंद घर में माता-पिता और बेटी की तीन लाशें लटकती मिली, भाजपा ने भूपेश बघेल के कुशासन की परणिति बताया….!

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रायपुर के मठपुरैना इलाके के बीएसयूपी कॉलोनी में एक ही परिवार के 3 लोगों ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। एक ही फंदे पर तीनों की लाश लटकती मिली। तीनों ने आत्महत्या दो से तीन दिन पहले की है। जब घर से तेज बदबू बाहर आई तो पड़ोस के लोगों ने पुलिस को घटना की जानकारी दी।

राष्ट्रबोध को मिली जानकारी के अनुसार 28 दिसंबर की रात साढ़े 10 बजे के करीब पुलिस को सूचना मिली कि एक घर के अंदर तीन लोगों ने सुसाइड कर लिया है। पुलिस मौके पर पहुंची तो घर के अंदर कमरे में तीन लाश लटक रही थी। ये लाश 48 साल के लखन लाल सेन, 42 साल की रानू सेन और उनकी 14 साल की बेटी पायल सेन की थी।
तीनों ने गले में नायलॉन की रस्सी के सहारे आत्महत्या की। लाश के आसपास खून के कुछ छींटे भी मौजूद थे। अनुमान है कि मौत के बाद ये उनके नाक और मुंह से निकले होंगे।

मृतक के पड़ोसी को जब घर से तेज बदबू आई तो खिड़की के सहारे घर के अंदर झांका तो दिल दहला देने वाली घटना सामने आई ! घर के तीनों सदस्यों की लाश लटक रही थी।

मौके पर पहुंची टिकरापारा थाना पुलिस को लाश की हालत देखकर आशंका है कि परिवार ने सुसाइड 2 से 3 दिन पहले किया है। क्योंकि लाश का रंग काला हो चुका है। मृतकों के शरीर से तेज बदबू आ रही है। साथ ही पड़ोसियों का भी कहना है कि उन्होंने परिवार को बीते 48 घंटों से देखा नहीं था।

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, परिवार का आसपास के लोगों के साथ बहुत ज्यादा उठना बैठना नहीं था। वे अपने काम से ही मतलब रखते थे। घर की महिला और बच्ची भी पड़ोसियों के साथ बहुत ज्यादा घुलती-मिलती नहीं थी। परिवार का मुखिया लखन सेन का भी किसी से कोई बड़ा विवाद फिलहाल सामने नहीं आया है। जो उसके मौत की वजह बने।

पूछताछ में पड़ोसियों ने बताया कि लखन को ऐसा भी लगता था कि उसके घर पर किसी ने जादू टोना कर दिया है। जिसके कारण उसकी आर्थिक स्थिति खराब हो रही है। साथ ही घर के लोगों की तबीयत भी बिगड़ी रही है। इसी वजह से परिवार अक्सर पूजा पाठ कराते थे।

घर का मुखिया लखन लाल सेन रायपुर में ही एक बिजनेसमैन के यहां ड्राइवरी करता था। घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। जिस वजह से अक्सर वो परेशान रहता था। घर के पास किराना दुकान की मालकिन सोहागा साहू ने बताया कि व्यक्ति का दुकान से लेन-देन था। वो अक्सर उधारी में समान लेता था। उसका बकाया भी था। लेकिन वो बीच-बीच में थोड़े-थोड़े पैसे इकट्ठे करके चुकाता भी रहता था। साथ ही पूरा कर्ज उतारने की बात कहता था।

टिकरापारा थाना प्रभारी दुर्गेश रावटे ने बताया कि पुलिस ने सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचकर लोगों से पूछताछ की। मौत की असल वजह अभी सामने नहीं आई है। शुरुआती तस्दीक में मामला फांसी लगाकर आत्महत्या का ही लग रहा है। पोस्टमॉर्टम के बाद ही मौत की असल वजह का खुलासा हो पाएगा।

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता केदारनाथ गुप्ता ने राजधानी के चंगोराभाठा में एक परिवार की सामूहिक आत्महत्या के मामले में गहन दु:ख व्यक्त करते हुए सामूहिक आत्महत्या के पीछे आर्थिक तंगी के हुए खुलासे पर हैरानी जताते हुए इसे पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के झूठ और धत्कर्मों की दु:खद परिणति बताया है। उन्होंने कहा कि मृतक लखनलाल सेन ने 10 महीने पहले अपनी तीन बेटियों में से दो बेटियों की शादी की थी। मृतक परिवार को तत्कालिक सरकार की ओर से कोई आर्थिक सहायता नहीं मिली। अगर उन्हें तत्कालिक सरकार की ओर से किसी भी प्रकार की मदद मिल जाती तो उन्हें आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना और और ना ही इस प्रकार की हृदय विदारक घटना घटित होती।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री गुप्ता ने कहा कि पुलिस ने मृतक परिवार के घर से एक सुसाइड नोट बरामद किया है। पुलिस आधिकारिक तौर पर इस मामले में कुछ कहने से बच रही है, लेकिन भरोसेमंद सूत्रों ने इस नोट के मिलने और उसमें आर्थिक तंगी के चलते सामूहिक आत्महत्या करने की बात होने का दावा किया है। श्री गुप्ता ने कहा कि टिकरापारा पुलिस मामले की जाँच करके तथ्यों का खुलासा करेगी, लेकिन अहम सवाल यह है कि यह परिवार क्या पिछले 15-20 दिनों में ही आर्थिक तंगी का शिकार हुआ? जाहिर है, यह आर्थिक तंगी हालिया दिनों में तो कतई नहीं आई।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री गुप्ता ने कहा कि एक परिवार की सामूहिक आत्महत्या कांग्रेसियों के उस झूठ, कुशासन और कुनीतियों का दर्पण है, जिसमें कांग्रेस शासनकाल की काली सच्चाइयों का प्रतिबिम्ब नजर आ रहा है। अब तो यह स्पष्ट हो गया है कि पाँच सालों तक प्रदेश को झूठ परोस-परोसकर अन्याय, आतंक और कुशासन की पराकाष्ठा करने वाले तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा बेरोजगारी की दर के आंकड़े, मंदी का असर नहीं होने, लोगों की जेब में सीधे पैसे डालने के किए गए दावे पूरी तरह झूठे थे। अब भूपेश सरकार के इन्हीं झूठे दावों की करारी सजा प्रदेश की जनता ने विधानसभा चुनाव में दी है।

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