सोना-चांदी की चमक आसमान पर: एक हफ्ते में चांदी ₹13,851 उछली, सोना ₹2001 बढ़ा; सालभर में गोल्ड ने 69% और सिल्वर ने 107% का रिटर्न दिया

Spread the love

कीमती धातुओं का बाजार इस समय लगातार गर्म है। सोना और चांदी दोनों अपनी कीमतों में ऐसे उछाल दिखा रहे हैं, मानो निवेशकों को एक बार फिर ठोस सुरक्षा की ओर लौटने का संकेत दे रहे हों। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, 28 नवंबर को जहां सोना 1,26,591 रुपए प्रति 10 ग्राम था, वहीं 5 दिसंबर आते–आते इसकी कीमत बढ़कर 1,28,592 रुपए पर पहुंच गई। यानी सिर्फ एक हफ्ते में 2001 रुपए की बढ़त। इससे पहले 17 अक्टूबर को सोना 1,30,874 रुपए प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुका था, जो अब भी इसकी सबसे ऊंची बोली मानी जा रही है।

चांदी की कहानी तो और भी तेज चमक दिखा रही है। पिछले हफ्ते के अंतिम कारोबारी दिन 28 नवंबर को एक किलो चांदी 1,64,359 रुपए में बिक रही थी, जो महज एक हफ्ते में 13,851 रुपए की छलांग लगाकर 1,78,210 रुपए पर पहुंच गई। 5 दिसंबर का यह स्तर अब तक का इसका सबसे ऊंचा भाव बन गया। निवेशकों के बीच यह उछाल इस बात का संकेत है कि बाजार में चांदी की मांग और भरोसा दोनों लगातार बढ़ रहे हैं।

अगर पूरे साल की तस्वीर देखें तो सोने ने अपनी कीमत में 52,430 रुपए का इजाफा किया है, यानी 69% की शानदार बढ़त। 31 दिसंबर 2024 को इसका भाव 76,162 रुपए प्रति 10 ग्राम था, जो अब सीधे 1,28,592 रुपए पर जा पहुंचा है। चांदी ने तो इस दौड़ में सोने को पीछे छोड़ दिया—साल की शुरुआत में 86,017 रुपए प्रति किलो मिल रही चांदी अब 1,78,210 रुपए पर है। यानी 92,193 रुपए की छलांग और 107% का जबरदस्त रिटर्न। इतना ऊंचा रिटर्न किसी भी सामान्य निवेश वर्ग में दुर्लभ है।

इस बढ़त के पीछे कई कारण हैं। दुनिया भर के केंद्रीय बैंक आज डॉलर पर निर्भरता कम करने में लगे हैं, इसलिए सोने के भंडार बढ़ाए जा रहे हैं। जब इतने बड़े संस्थान लगातार सोना खरीदते हैं, तो इसकी मांग स्थिर रहती है और कीमतें ऊपर जाती रहती हैं। क्रिप्टो मार्केट में अनिश्चितता और कई देशों में सख्त होते नियमों ने भी निवेशकों को सुरक्षित विकल्प की ओर मोड़ा है। भारत में शेयर बाजार से कम होते रिटर्न और शादी–त्योहारों के मौसम ने भी सोने की मांग को और तेज किया है। साथ ही, सोने को हमेशा से लॉन्ग-टर्म सुरक्षित एसेट माना जाता है—यह नष्ट नहीं होता, कम मात्रा में उपलब्ध है और महंगाई के दौर में अपनी कीमत बचाए रखता है। यही कारण है कि अस्थिरता के बीच सोना एक भरोसेमंद सहारा बन जाता है।

बाजार में यह उछाल देखते हुए लोग अपने शहरों की कीमतें भी चेक कर रहे हैं कि स्थानीय दुकानों में सोना-चांदी किस दर पर उपलब्ध है। हालांकि, खरीदते समय कुछ सावधानियां हमेशा ज़रूरी हैं। हॉलमार्क वाला सर्टिफाइड गोल्ड ही लेना चाहिए ताकि उसकी शुद्धता पर कोई शक न रहे। साथ ही वजन और दिन की दर को विभिन्न स्रोतों, खासकर IBJA की वेबसाइट पर देखकर तसल्ली कर लेनी चाहिए, क्योंकि 24, 22 और 18 कैरेट में दाम अलग-अलग होते हैं।

इस समय सोना-चांदी सिर्फ धातु नहीं, बल्कि बाजार की बदलती परिस्थितियों का दर्पण बन गए हैं। निवेशकों के भरोसे की यह चमक आने वाले दिनों में कीमतों को किस दिशा में ले जाएगी, इस पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *