चिन्नास्वामी स्टेडियम में क्रिकेट की वापसी के संकेत, कोहली-पंत दिख सकते हैं मैदान पर, IPL 2026 में RCB के घरेलू मैचों की उम्मीद

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बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में एक बार फिर क्रिकेट लौटने की तस्वीर साफ होती दिख रही है। कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ के नए अध्यक्ष वेंकटेश प्रसाद को राज्य सरकार से मैच आयोजन की अनुमति मिल गई है। चुनाव के महज एक हफ्ते के भीतर मिली इस मंजूरी की जानकारी बीसीसीआई को भी दे दी गई है, जिसके बाद संकेत मिलने लगे हैं कि चिन्नास्वामी स्टेडियम फिर से बड़े क्रिकेट आयोजनों की मेजबानी कर सकता है।

इस फैसले का असर सबसे पहले घरेलू क्रिकेट में दिख सकता है। विजय हजारे ट्रॉफी में दिल्ली की टीम के मुकाबलों को अलूर से हटाकर चिन्नास्वामी स्टेडियम में कराने की तैयारी चल रही है। अलूर में सुरक्षा और लॉजिस्टिक से जुड़ी दिक्कतों को इसकी वजह बताया जा रहा है। दिल्ली के संभावित खिलाड़ियों की सूची में विराट कोहली और ऋषभ पंत दोनों का नाम शामिल है और माना जा रहा है कि वे शुरुआती तीन मैचों के लिए उपलब्ध रहेंगे। अगर ऐसा हुआ, तो लंबे समय बाद कोहली का चिन्नास्वामी में खेलना फैंस के लिए खास मौका होगा।

क्रिकेट की वापसी से पहले KSCA की नई टीम ने सरकार के साथ कई अहम स्तरों पर बातचीत की। इसी हफ्ते वेंकटेश प्रसाद और उपाध्यक्ष सुजीत सोमसुंदर ने बेलगावी में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की। विधानसभा सत्र के दौरान हुई इस बैठक में चिन्नास्वामी स्टेडियम से जुड़े तमाम मुद्दों पर चर्चा हुई और माहौल सकारात्मक रहने के बाद आयोजन की अनुमति दी गई।

दर्शकों की एंट्री को लेकर भी सीमित स्तर पर तैयारी की जा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक हाई-प्रोफाइल मैचों के दौरान 2000 से 3000 दर्शकों को स्टेडियम में प्रवेश देने की योजना है। इसके लिए कुछ चुनिंदा स्टैंड्स को ही खोला जाएगा, ताकि सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन में कोई चूक न हो।

KSCA ने सरकार के सामने यह भरोसा भी दोहराया है कि जस्टिस जॉन डी’कुन्हा रिपोर्ट की सिफारिशों को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। विजय हजारे ट्रॉफी के मुकाबलों को एक शुरुआती कदम माना जा रहा है, लेकिन संघ की नजर इससे कहीं आगे है। KSCA नहीं चाहता कि बेंगलुरु IPL जैसे बड़े टूर्नामेंट की मेजबानी से बाहर रहे और यही वजह है कि IPL की वापसी को प्राथमिक लक्ष्य माना जा रहा है।

KSCA से जुड़े एक पदाधिकारी के मुताबिक संघ सही दिशा में आगे बढ़ रहा है और IPL को वापस लाने के लिए जरूरी बदलावों पर काम शुरू किया जाएगा। वहीं उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने साफ कहा है कि सरकार क्रिकेट मैचों को रोकना नहीं चाहती, लेकिन भीड़ प्रबंधन सबसे अहम मुद्दा है। एहतियाती कदमों के साथ अनुमति दी गई है और आगे गृह मंत्री, KSCA अध्यक्ष और पुलिस अधिकारियों के साथ इस पर और चर्चा होगी।

गौरतलब है कि 4 जून को RCB की IPL जीत के जश्न के दौरान हुई भगदड़ के बाद से चिन्नास्वामी स्टेडियम में कोई बड़ा मुकाबला नहीं हुआ था। उस हादसे में 11 लोगों की जान चली गई थी, जिसके बाद महाराजा ट्रॉफी को मैसूर शिफ्ट कर दिया गया और महिला विश्व कप के पांच मैच, जिनमें फाइनल भी शामिल था, बेंगलुरु से बाहर कर दिए गए थे।

अब हालात बदलते नजर आ रहे हैं। अगर सुरक्षा और व्यवस्थाओं से जुड़े सभी पहलू तय योजना के मुताबिक आगे बढ़ते हैं, तो चिन्नास्वामी स्टेडियम एक बार फिर भारतीय क्रिकेट के बड़े केंद्र के रूप में लौट सकता है और IPL 2026 में RCB के घरेलू मैचों की वापसी की उम्मीद भी मजबूत हो गई है।

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