BCCI का सख्त संदेश: रोहित-कोहली ही नहीं, टीम इंडिया का हर खिलाड़ी घरेलू मैदान पर उतरेगा

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भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने सीनियर खिलाड़ियों को लेकर घरेलू क्रिकेट पर एक बार फिर स्पष्ट और कड़ा रुख अपना लिया है। बोर्ड ने तय कर दिया है कि टीम इंडिया से जुड़े हर मौजूदा खिलाड़ी को विजय हजारे ट्रॉफी में कम से कम दो वनडे मुकाबले खेलना अनिवार्य होगा। यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब 24 दिसंबर से शुरू हो रहे इस प्रतिष्ठित घरेलू टूर्नामेंट और अंतरराष्ट्रीय सीरीज के बीच खिलाड़ियों के पास पर्याप्त खाली समय मौजूद है।

दरअसल, 19 दिसंबर को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आखिरी टी20 मुकाबले के बाद और 11 जनवरी 2026 से न्यूजीलैंड के खिलाफ शुरू होने वाली वनडे सीरीज के बीच करीब तीन हफ्ते का अंतर है। बीसीसीआई नहीं चाहता कि यह समय बिना मैच प्रैक्टिस के निकल जाए। बोर्ड की मंशा साफ है कि सीनियर खिलाड़ी भी घरेलू क्रिकेट के जरिए लय में बने रहें और लगातार प्रतिस्पर्धी माहौल में खेलते रहें।

इस फैसले को अजित अगरकर की अगुआई वाली सीनियर चयन समिति ने औपचारिक रूप से खिलाड़ियों तक पहुंचा दिया है। इसे ऑस्ट्रेलिया दौरे पर मिली टेस्ट सीरीज की करारी हार के बाद हुई आंतरिक समीक्षा से भी जोड़कर देखा जा रहा है। उस समीक्षा में यह बात खुलकर सामने आई थी कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निरंतर प्रदर्शन के लिए खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट को गंभीरता से लेना होगा, चाहे वे किसी भी फॉर्मेट के बड़े नाम क्यों न हों।

बोर्ड के इस निर्देश के बाद कप्तान रोहित शर्मा और अनुभवी बल्लेबाज विराट कोहली ने विजय हजारे ट्रॉफी खेलने की अपनी उपलब्धता की पुष्टि कर दी है। इनके अलावा शुभमन गिल, जसप्रीत बुमराह, केएल राहुल, हार्दिक पांड्या और सूर्यकुमार यादव जैसे सीनियर खिलाड़ियों से भी कहा गया है कि वे अपनी-अपनी राज्य टीमों के लिए कम से कम दो मैच जरूर खेलें। साफ संकेत है कि नियम सबके लिए बराबर हैं।

हालांकि श्रेयस अय्यर को फिलहाल इस अनिवार्यता से बाहर रखा गया है, क्योंकि उनकी फिटनेस को लेकर मेडिकल टीम अभी संतुष्ट नहीं है। बीसीसीआई ने स्पष्ट कर दिया है कि छूट सिर्फ उसी खिलाड़ी को मिलेगी, जिसे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस मेडिकल रूप से अनफिट घोषित करे। अधिकारियों का यह भी मानना है कि दक्षिण अफ्रीका सीरीज के बाद खिलाड़ियों के पास रिकवरी और तैयारी के लिए पर्याप्त समय है।

बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने साफ शब्दों में कहा है कि 24 दिसंबर से न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज शुरू होने तक विजय हजारे ट्रॉफी के छह राउंड खेले जाएंगे और खिलाड़ी व उनके राज्य संघ मिलकर यह तय करेंगे कि वे कौन से दो राउंड में हिस्सा लेंगे। लेकिन यह अब पूरी तरह स्पष्ट कर दिया गया है कि विजय हजारे ट्रॉफी खेलना कोई विकल्प नहीं, बल्कि अनिवार्यता है।

इस फैसले के जरिए बोर्ड यह संदेश भी देना चाहता है कि चयन समिति और हेड कोच गौतम गंभीर किसी एक या दो सीनियर खिलाड़ियों को टारगेट नहीं कर रहे। रोहित और कोहली जैसे दिग्गजों पर भी वही नियम लागू होंगे, जो बाकी खिलाड़ियों पर हैं। कुल मिलाकर, बीसीसीआई ने यह साफ कर दिया है कि टीम इंडिया में बने रहने और आगे बढ़ने के लिए घरेलू क्रिकेट अब सिर्फ युवा खिलाड़ियों की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि सीनियर सितारों की भी उतनी ही अहम कसौटी है।

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