बाघ शिकार मामले में वन विभाग सख्त: करंट से की गई थी हत्या, महिला सरपंच समेत 9 आरोपी गिरफ्तार

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सूरजपुर। छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले के घुई वन परिक्षेत्र में बाघ के शिकार की सनसनीखेज घटना के बाद वन विभाग की कार्रवाई लगातार तेज होती जा रही है। अब तक इस मामले में महिला सरपंच समेत कुल 9 आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा जा चुका है। घटना सामने आते ही वन विभाग में हड़कंप मच गया था और उच्च अधिकारीयों ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी थी।

मिली जानकारी के अनुसार, घुई के जंगल में बाघ का शव मिलने की सूचना के बाद सूरजपुर जिले के डीएफओ डी.पी साहू के नेतृत्व में वन विभाग की टीम, बलरामपुर रेंज के अधिकारीयों के साथ तत्काल मौके पर पहुंची। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ कि अवैध रूप से बिछाए गए करंट के तार की चपेट में आने से बाघ की मौत हुई है। जांच में सामने आया कि जंगल में शिकार के लिए करंट का जाल बिछाया गया था, जिससे करीब 6 साल के वयस्क बाघ की जान चली गई।

बाघ के दो नाखून और बाल बरामद
पोस्टमार्टम के बाद बाघ के शव का अंतिम संस्कार मौके पर ही किया गया। इसके बाद विभाग ने अलग-अलग टीमें गठित कर व्यापक जांच शुरू की। डॉग स्क्वाड की मदद से जांच महिला सरपंच के घर तक पहुंची, जहां से बाघ के दो नाखून और बाल बरामद किए गए। पूछताछ के दौरान अन्य आरोपियों के नाम सामने आए, जिसके आधार पर लगातार गिरफ्तारियां की गईं।

दो आरोपियों ने स्वीकार किया अपराध
वन विभाग ने बताया कि, पांच अन्य आरोपियों के घरों से करंट में उपयोग किया गया सामान भी जब्त किया गया है। वहीं, पकड़े गए तीन आरोपियों में से दो ने स्वीकार किया कि, उन्होंने डर के कारण बाघ के दांत और बाल जला दिए थे, जिनके कुछ अवशेष बरामद किए गए हैं। डीएफओ डी.पी. साहू ने बताया कि, घटना के बाद से वे स्वयं रेवटी में कैंप कर टीम के साथ जांच की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि, मामले में जहां भी लापरवाही सामने आई है, वहां संबंधित लोगों पर भी कार्रवाई की गई है। साथ ही सभी वनकर्मियों को लगातार सर्चिंग अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं।

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