दुर्ग : ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिसेंसी भारत सरकार द्वारा ऊर्जा, जल संरक्षण और कृषक को जागरूकता पर एक दिवसीय कार्यशाला 03 जनवरी 2024 को कृषि विज्ञान केन्द्र अंजोरा दुर्ग में आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न ग्रामों के लगभग 70 कृषक उपस्थित हुए। इन्हें फसल परिवर्तन, जल संरक्षण एवं ऊर्जा दक्ष पंप के बारे में जानकारी दिया गया। कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. संजय शाक्य, निदेशक विस्तार शिक्षा, दाऊ श्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्व विद्यालय दुर्ग ने ऊर्जा एवं जल संरक्षण के बारे मंे अवगत कराते हुए नयी तकनीकों के साथ कृषि किये जाने हेतु किसानों को जागरूक किया।
विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. विकास खुणे कृषि विज्ञान केन्द्र अंजोरा ने ऊर्जा एवं जल संरक्षण के महत्व को बताते हुये बचत हेतु किसानों को फसल चक्र परिवर्तन, गर्मी में धान के बदले अन्य फसल लेने हेतु कृषकों से आह्वान किया। डॉ. उमेश पटेल, मृदा विशेषज्ञ ने कृषि में जल मितव्ययता तथा विपरीत परिस्थिति में फसल नष्ट होने पर फसल बीमा कराने, टपक एवं स्प्रींकलर द्वारा सिंचाई के साथ-साथ विभिन्न योजनाओं की जानकारी उपस्थित कृषकों को प्रदान की। क्रेडा विभाग के अधीक्षण अभियंता श्री भानुप्रताप एवं जिला प्रभारी श्री रंजीत कुमार यादव द्वारा ऊर्जा संरक्षण के विषय में वर्तमान में भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं व दिशा-निर्देशों के बारे में सभी को अवगत कराया गया।
साथ ही ऊर्जा संरक्षण के बारे में विभिन्न तरीकों/उपायों के बारे में बताया गया। सौर ऊर्जा चलित उपकरणों, कृषि यंत्रों की विस्तृत जानकारी प्रदान किया गया। विभागीय योजनाओं की जानकारी प्रदान की गई। कार्यक्रम में उपस्थित अन्य विषय विशेषज्ञ श्री दिनेश सिन्हा (सोलेक्सी इको पॉवर), श्री यतेश वर्मा (के.वाय. एनर्जी) एवं श्री रौनक लुथरा (ऊर्जा टेक्नालॉजी) द्वारा ऊर्जा दक्ष पंपों में ऊर्जा बजत की जानकारी दिया गया, जिससे कृषकों द्वारा भविष्य में कृषि कार्य के लिए ऊर्जा दक्ष उपकरणों का उपयोग एवं फसल चक्र अपनाते हुए जल संरक्षण हेतु संकल्प लिया गया। कायक्रम में क्रेडा से श्रीमती तारिका दामले (उप-अभियंता), डिहवारिन ऊईके (लेखा प्रभारी), श्री हरीश श्रीवास्तव (उप-अभियंता), कु. यामिनी देवांगन एवं क्रेडा के अन्य स्टॉफ उपस्थित रहे।