भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को जोरदार रौनक देखने को मिली। लगातार दूसरे कारोबारी सत्र में मजबूत बढ़त के साथ बाजार ने निवेशकों का भरोसा फिर से मजबूत किया। बेहतर वैश्विक संकेतों, विदेशी निवेशकों की वापसी और ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों ने मिलकर बाजार को नई ऊर्जा दी। Sensex 638 अंक यानी करीब 0.75 फीसदी की तेजी के साथ 85,567.48 पर बंद हुआ, जबकि Nifty 50 206 अंक या 0.79 फीसदी उछलकर 26,172.40 के स्तर पर क्लोज हुआ।
शेयरों की चाल पर नजर डालें तो निफ्टी-50 में श्रीराम फाइनेंस, इंफोसिस और विप्रो सबसे ज्यादा फायदे में रहे, जहां इन शेयरों में चार फीसदी तक की तेजी दर्ज की गई। वहीं अल्ट्राटेक सीमेंट और एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस जैसे कुछ चुनिंदा शेयर हल्की गिरावट के साथ कारोबार करते दिखे। बाजार की चौड़ाई भी मजबूती का संकेत दे रही थी। बीएसई पर 2,487 शेयरों में तेजी, 911 में गिरावट और 200 शेयर बिना किसी बदलाव के बंद हुए।
इस तेजी का सबसे बड़ा सहारा विदेशी निवेशकों से मिला। 14 सत्रों तक लगातार बिकवाली करने के बाद विदेशी संस्थागत निवेशक एक बार फिर खरीदार की भूमिका में नजर आए। शुक्रवार को एफआईआई ने करीब 1,830 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीदारी की, जबकि पिछले तीन सत्रों में उनकी कुल खरीद 3,776 करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है। बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक, घरेलू निवेशकों की मजबूत भागीदारी के साथ एफआईआई की वापसी ने बाजार के सेंटिमेंट को और मजबूती दी है।
बाजार को अंतरराष्ट्रीय मोर्चे से भी समर्थन मिला। अमेरिकी Federal Reserve द्वारा भविष्य में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों ने निवेशकों का मूड पॉजिटिव रखा। बाजार अब 2026 में दो रेट कट की संभावना को लेकर आशावादी है। हालिया अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों से यह संकेत नहीं मिला कि फेड मौद्रिक नीति को और सख्त करेगा, जिससे उभरते बाजारों को राहत मिली है।
एशियाई बाजारों से भी सकारात्मक संकेत आए। जापान का निक्केई, दक्षिण कोरिया का कोस्पी, शंघाई और हांगकांग के बाजार हरे निशान में कारोबार करते दिखे। वहीं अमेरिकी बाजार शुक्रवार को मजबूती के साथ बंद हुए थे और अमेरिकी फ्यूचर्स में भी तेजी नजर आई, जिसका असर भारतीय बाजार पर साफ दिखा।
रुपये की मजबूती ने भी बाजार को सहारा दिया। डॉलर के मुकाबले रुपया 22 पैसे मजबूत होकर 89.45 पर पहुंच गया। मजबूत रुपया न सिर्फ आयातित महंगाई के दबाव को कम करता है, बल्कि विदेशी निवेशकों के लिए भारतीय बाजार को ज्यादा आकर्षक भी बनाता है।
आईटी सेक्टर में भी लगातार चौथे दिन खरीदारी देखने को मिली। निफ्टी आईटी इंडेक्स बढ़त के साथ बंद हुआ। इंफोसिस के एडीआर में मजबूती और अमेरिका से आए नरम महंगाई के आंकड़ों ने आईटी शेयरों को सपोर्ट दिया। इसके अलावा फेड गवर्नर क्रिस्टोफर वॉलर के उस बयान से भी सेंटिमेंट मजबूत हुआ, जिसमें उन्होंने आगे और रेट कट की गुंजाइश की बात कही।
घरेलू मोर्चे पर Reserve Bank of India की दिसंबर पॉलिसी मीटिंग के मिनट्स ने भी उम्मीदें बढ़ाईं। संकेत मिले कि अगले साल आर्थिक ग्रोथ में संभावित सुस्ती और काबू में रहती महंगाई ब्याज दरों में कटौती का रास्ता खोल सकती है। इन सभी सकारात्मक कारकों ने मिलकर शेयर बाजार को मजबूती दी और सूचकांकों को नई ऊंचाइयों के करीब पहुंचा दिया।