अगर आपने अब तक अपने पैन कार्ड को आधार से लिंक नहीं कराया है, तो यह खबर आपके लिए खास तौर पर ध्यान देने लायक है। नए साल की शुरुआत से पहले इस औपचारिकता को पूरा करना बेहद जरूरी हो गया है, क्योंकि आयकर विभाग ने साफ कर दिया है कि पैन-आधार लिंकिंग की अंतिम तारीख 31 दिसंबर 2025 है। इस डेडलाइन के बाद, यानी 1 जनवरी 2026 से, बिना लिंक वाला पैन कार्ड निष्क्रिय माना जाएगा। इसका सीधा असर आपकी रोजमर्रा की बैंकिंग, निवेश और टैक्स से जुड़ी गतिविधियों पर पड़ सकता है।
विभाग के मुताबिक, जिन लोगों का पैन कार्ड 1 अक्टूबर 2024 से पहले आधार के आधार पर जारी किया गया था, उनके लिए यह लिंकिंग अनिवार्य है। तय समयसीमा तक प्रक्रिया पूरी न होने पर पैन इनऑपरेटिव घोषित कर दिया जाएगा। फिलहाल, देर से लिंक कराने पर 1,000 रुपये का जुर्माना देना पड़ रहा है और इसके बाद भी पैन-आधार जोड़ा जा सकता है, लेकिन 31 दिसंबर के बाद यह सुविधा सीमित हो सकती है और परेशानियां बढ़ सकती हैं।
निष्क्रिय पैन कार्ड केवल दस्तावेजी समस्या नहीं बनता, बल्कि इसका व्यावहारिक असर काफी गंभीर होता है। पैन बंद होते ही नया बैंक खाता खोलना मुश्किल हो जाता है और क्रेडिट या डेबिट कार्ड के लिए आवेदन भी अटक सकता है। 50,000 रुपये से अधिक की नकद जमा या बड़े बैंकिंग लेनदेन में रुकावट आ सकती है। शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड और दूसरे निवेश प्लेटफॉर्म भी सेवाएं सीमित कर सकते हैं, जिससे निवेश पर असर पड़ने का खतरा रहता है।
टैक्स से जुड़े मामलों में भी दिक्कतें सामने आती हैं। निष्क्रिय पैन के साथ इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करना संभव नहीं रहता और अगर गलती से रिटर्न फाइल हो भी जाए, तो उसे अमान्य माना जा सकता है। सामान्य से अधिक दर पर टीडीएस या टीसीएस कट सकता है और आपके द्वारा चुकाए गए टैक्स का क्रेडिट फॉर्म 26एएस में दिखाई नहीं देगा। इससे रिफंड मिलने में देरी हो सकती है और टीडीएस सर्टिफिकेट हासिल करने में भी अड़चन आती है।
इन झंझटों से बचने के लिए पैन-आधार लिंकिंग को जल्द पूरा कर लेना ही समझदारी है। यह प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन और आसान है। इसके लिए आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाकर पहले 1,000 रुपये का जुर्माना ऑनलाइन जमा करना होता है। भुगतान सत्यापन के बाद पैन और आधार की जानकारी दर्ज करनी होती है और ओटीपी वेरिफिकेशन के साथ अनुरोध सबमिट हो जाता है। ध्यान रखें कि आधार और पैन में नाम, जन्मतिथि और अन्य विवरण एक-जैसे हों, ताकि लिंकिंग में कोई बाधा न आए।
कुल मिलाकर, अगर आप 2026 की शुरुआत बिना किसी वित्तीय अड़चन के करना चाहते हैं, तो पैन-आधार लिंकिंग को टालना भारी पड़ सकता है। आखिरी वक्त का इंतजार करने के बजाय बेहतर यही है कि यह जरूरी काम समय रहते पूरा कर लिया जाए, ताकि नए साल में बैंकिंग, निवेश और टैक्स से जुड़े सभी काम बिना रुकावट चलते रहें।