Chhattisgarh Spin: भूपेश का तीखा वार—धार्मिक आयोजनों की आड़ में पैसा बटोरने आते हैं पं. धीरेंद्र शास्त्री, BJP के एजेंट की तरह कर रहे काम

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छत्तीसगढ़ के भिलाई में चल रही पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा से उठा विवाद अब खुलकर राजनीतिक टकराव में बदल गया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शास्त्री के हालिया बयान पर करारा पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि वे छत्तीसगढ़ में धार्मिक आयोजनों की आड़ में पैसा बटोरने आते हैं और व्यवहार में BJP के एजेंट की तरह काम कर रहे हैं। बघेल ने कहा कि सनातन धर्म का पाठ पढ़ाने की कोशिश करने वाले लोग यह भूल जाते हैं कि छत्तीसगढ़ की आध्यात्मिक परंपरा उनसे कहीं पुरानी और गहरी है।

भूपेश बघेल ने तंज कसते हुए कहा कि जब धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पैदा भी नहीं हुए थे, तब से वे हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे हैं। उन्होंने शास्त्री को “कल का बच्चा” बताते हुए कहा कि ऐसे लोग छत्तीसगढ़ की धरती को सनातन मत सिखाने का दावा कर रहे हैं, जो कबीर साहेब और गुरु घासीदास की विचारधारा से जुड़ी रही है। बघेल ने यहां तक कहा कि उम्र के लिहाज़ से उनका बेटा भी धीरेंद्र शास्त्री से करीब दस साल बड़ा है, फिर भी वे ज्ञान और परंपरा पर सवाल उठा रहे हैं।

विवाद की जड़ पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का वह बयान है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर हिंदू समाज को जोड़ना अंधविश्वास है, तो ऐसे लोगों को देश छोड़ देना चाहिए। इसी बयान को लेकर छत्तीसगढ़ की राजनीति गरमा गई है। भूपेश बघेल ने इसे असहिष्णु और उकसाने वाला बयान बताते हुए कहा कि किसी को भी देश छोड़ने की सलाह देने का अधिकार नहीं है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने दिव्य दरबार की प्रथाओं पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अगर मंच से लोग ठीक हो रहे हैं, तो फिर मेडिकल कॉलेज खोलने की जरूरत क्यों महसूस की जा रही है। इसी के साथ उन्होंने आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को खुली चुनौती दी कि वे छत्तीसगढ़ के किसी भी साधु-संत से शास्त्रार्थ कर लें, दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।

उधर, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पहले ही यह कह चुके हैं कि हिंदू समाज को जोड़ने के प्रयासों को अंधविश्वास कहना गलत है और ऐसे लोगों को पाकिस्तान चले जाने जैसी बातें भी कही गई थीं। इसी बयानबाजी ने इस पूरे मामले को और भड़का दिया है। राम कथा के मंच से शुरू हुआ यह विवाद अब धार्मिक बहस से निकलकर सीधी राजनीतिक लड़ाई बन चुका है, जहां एक तरफ भूपेश बघेल हमलावर हैं तो दूसरी तरफ धीरेंद्र शास्त्री के समर्थक उनके बचाव में उतरते दिख रहे हैं। आने वाले दिनों में यह टकराव छत्तीसगढ़ की राजनीति में और तेज होने के संकेत दे रहा है।

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