छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना से जुड़े कथित घोटाले ने एक बार फिर सियासी और प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी है। 29 दिसंबर की सुबह प्रवर्तन निदेशालय यानी Enforcement Directorate ने अचानक बड़ी कार्रवाई करते हुए Raipur और Mahasamund जिलों में एक साथ 9 ठिकानों पर छापेमारी शुरू कर दी। यह कार्रवाई रायपुर–विशाखापत्तनम इकोनॉमिक कॉरिडोर के लिए जमीन अधिग्रहण में हुए मुआवजा घोटाले से जुड़ी बताई जा रही है, जो Bharat Mala Pariyojana के तहत आता है।
सूत्रों के मुताबिक, ईडी की टीम ने रायपुर की लॉ-विस्टा सोसाइटी में रहने वाले हरमीत सिंह खनूजा के आवास पर दबिश दी है। इसके साथ ही उनके सहयोगियों, कुछ सरकारी अधिकारियों और जमीन से जुड़े अन्य हितधारकों के ठिकानों पर भी तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। उधर महासमुंद जिले के मेघ बसंत इलाके में सुबह करीब छह बजे ईडी की दो गाड़ियां पहुंचीं, जहां व्यवसायी जसबीर सिंह बग्गा के घर पर छापा मारा गया। कार्रवाई के दौरान पूरे इलाके को सुरक्षा घेरे में ले लिया गया है और किसी बाहरी व्यक्ति की आवाजाही पर सख्त रोक है।
जांच एजेंसी के करीबी सूत्रों का कहना है कि भारतमाला परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण में बड़े पैमाने पर अनियमितता, फर्जी दस्तावेजों के इस्तेमाल और मुआवजा वितरण में गड़बड़ी की शिकायतें लंबे समय से सामने आ रही थीं। इन्हीं शिकायतों के आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से जांच तेज की है। फिलहाल तलाशी जारी है, अहम दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं और डिजिटल साक्ष्यों की भी पड़ताल की जा रही है। आधिकारिक तौर पर अभी कोई बयान सामने नहीं आया है, लेकिन संकेत साफ हैं कि यह कार्रवाई आने वाले दिनों में और बड़े खुलासों का रास्ता खोल सकती है।