दुर्ग, 29 दिसंबर 2025/ जिला शिक्षा अधिकारी अरविन्द मिश्रा ने आज शासकीय प्राथमिक/पूर्व माध्यमिक विद्यालय नेवई, उतई, आदर्श नगर उतई, बोरीगारका, बोरीडीह, मातरोडीह, कातरो, रिसामा, अंडा तथा शासकीय हाई/हायर सेकंडरी विद्यालय उतई, कातरो, अंडा, मेडेसरा, ननकट्ठी का आकस्मिक निरीक्षण किया। प्राथमिक शाला उतई में प्रधानपाठक और सभी शिक्षक प्रार्थना स्थल पर सभी विद्यार्थियों को 22 तक के पहाड़ा का अभ्यास कराते मिले। बच्चे पूरी ऊर्जा और ध्यान से दुहराते रहे। पहाड़ा के इस प्रकार के अभ्यास को देखकर डीईओ ने प्रधानपाठक दीप्ति रानी खोबरागड़े सहित सभी शिक्षको तथा कक्षा चौथी की हंसिका, मानवी और आर्यन को शाबाशी दी और उनकी प्रशंसा की। आदर्शनगर उतई और प्राथमिक शाला उतई में कक्षा खाली देखकर स्टाफ रूम में बैठे प्रधान पाठक सहित सभी शिक्षकों के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए उन्हें कक्षा खाली नहीं छोड़ने सख्त हिदायते दी। शासकीय प्राथमिक शाला बोरीगारका में शिक्षक प्रहलाद सिन्हा को बच्चों के साथ मेट पर बैठकर अभ्यास कराते देख डीईओ ने उनके प्रयासों की प्रशंसा की। इसी तरह प्राथमिक शाला मातरोडीह में दो कार्यरत शिक्षकों में एक शिक्षक की ड्यूटी निर्वाचन में लगी है लेकिन वहां उपस्थित प्रधान पाठक रेखराम कोठारी कक्षा पहली से पांचवी तक के बच्चों को पढ़ाते मिले। कक्षा तीसरी के सभी बच्चो को धारा प्रवाह हिंदी वाचन, 15 तक पहाड़ा और बारह खड़ी में अभ्यस्त होने को देखते हुए डीईओ ने शिक्षक की पीठ थपथपाई और सभी बच्चों से ताली बजा उनका स्वागत किया।
डीईओ ने बताया कि एक शिक्षक होने के बावजूद रेखराम कोठारी का प्रयास बाकी ऐसे सभी शिक्षको के लिए भी प्रेरणास्पद है जो शिक्षक की कमी का बहाना अक्सर बनाया करते है। कातरो में बच्चो का स्तर कक्षा स्तरीय नही पाया गया। प्राथमिक शाला रिसामा में प्रधान पाठक नरेश ठाकुर की बिना सूचना अनुपस्थिति पर डीईओ ने तत्काल ठम्व् को कार्यवाही प्रस्तावित करने निर्देशित किया। शासकीय हाई/हायर सेकेण्डरी विद्यालय उतई, कातरो, मेडेसरा, ननकट्ठी में बोर्ड परीक्षाओं हेतु डीईओ कार्यालय से भेजे गए प्रश्न बैंक, 5 वर्षाे के बोर्ड के प्रश्न पत्रों को हल कराने, उन प्रश्नों के आधार पर टेस्ट परीक्षा आयोजित करने, मूल्यांकित उत्तर पुस्तिकाओं को विद्यार्थियो को देकर हुई त्रुटियों को सुधरवाने सहित प्रायोगिक परीक्षाओं की तैयारियों के संबंध में आवश्यक निर्देश भी दिए। डीईओ ने चिन्हांकित कमजोर बच्चों को सीमित पाठ्यक्रम से बोर्ड की तैयारी कराए जाने के निर्देश भी दिए।