नोएडा के निवासियों के लिए राहत और खुशी की खबर है। शहर के चार लोकप्रिय और बड़े पार्कों को एक बार फिर आकर्षक और उपयोगी बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। सेक्टर-78 का वेदवन पार्क, सेक्टर-50 का मेघदूतम पार्क, सेक्टर-91 का औषधि पार्क और सेक्टर-137 का डॉग पार्क अब नए सिरे से संवारे जाएंगे। इस पूरे ‘जीर्णोद्धार’ प्लान को Noida Authority के सीईओ डॉ. लोकेश एम ने मंजूरी दे दी है। प्राधिकरण ने निजी एजेंसियों से प्रस्ताव मांगे हैं, ताकि हर पार्क की जरूरत और उसकी पहचान के हिसाब से सुधार किए जा सकें।
सेक्टर-78 में स्थित वेदवन पार्क करीब 12 एकड़ में फैला है और इसे लगभग 28 करोड़ रुपये की लागत से तैयार कर जून 2023 में खोला गया था। शुरुआती दिनों में यह पार्क लोगों के बीच खासा लोकप्रिय रहा, लेकिन समय के साथ रखरखाव की कमी साफ दिखने लगी। हरियाली सूखने लगी, झील की सफाई और देखभाल प्रभावित हुई और लेजर लाइट व साउंड शो बार-बार खराब होने लगे। पार्क में लगी लोहे की कलाकृतियों पर जंग भी लग गई। अब इन सभी खामियों को दूर कर वेदवन पार्क को फिर से उसकी पुरानी पहचान और आकर्षण दिलाने की योजना है।
सेक्टर-91 का औषधि पार्क 25 एकड़ क्षेत्र में फैला है और इसे साल 2020 में खोला गया था। औषधीय पौधों की वजह से यह पार्क अलग पहचान रखता है, लेकिन उचित देखरेख न होने से यहां पौधों की संख्या और विविधता नहीं बढ़ पाई। यहां भी लेजर लाइट और साउंड शो बंद पड़े हैं। जीर्णोद्धार के बाद उम्मीद है कि यह पार्क दोबारा स्वास्थ्य और प्रकृति से जुड़ी गतिविधियों का प्रमुख केंद्र बन सकेगा।
शहर के बीचों-बीच सेक्टर-50 में स्थित मेघदूतम पार्क आसपास के लोगों के लिए रोजमर्रा की सैर और आराम की अहम जगह है। लंबे समय से यहां सुविधाएं बढ़ाने और पार्क को आधुनिक रूप देने की मांग उठ रही थी। अब प्राधिकरण की मंजूरी के बाद इस पार्क को नई सुविधाओं, बेहतर लैंडस्केप और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ विकसित किया जाएगा।
वहीं सेक्टर-137 का डॉग पार्क, जो करीब 3.85 एकड़ में फैला है और लगभग 3.86 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया था, अब तक पूरी तरह उपयोग में नहीं आ पाया। मई 2023 में बनकर तैयार होने के बावजूद संचालन एजेंसी तय न होने से कुत्तों के लिए प्रस्तावित खेल-कूद और ट्रेनिंग जैसी सुविधाएं शुरू नहीं हो सकीं। जीर्णोद्धार के साथ-साथ अब इसके सुचारु संचालन की भी योजना बनाई जा रही है, ताकि पालतू कुत्तों और उनके मालिकों को इसका पूरा लाभ मिल सके।
कुल मिलाकर, इन चारों पार्कों का कायाकल्प नोएडा के शहरी जीवन को और बेहतर बनाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। उम्मीद है कि जीर्णोद्धार के बाद ये पार्क न सिर्फ ज्यादा खूबसूरत दिखेंगे, बल्कि लोगों के लिए सेहत, मनोरंजन और सुकून की बेहतर जगह भी बनेंगे।