आईसीसी की ताज़ा रैंकिंग ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि भारतीय तेज़ गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह इस दौर के सबसे भरोसेमंद और खतरनाक टेस्ट गेंदबाज़ हैं। साल के आखिरी अपडेट में बुमराह ने 879 रेटिंग पॉइंट्स के साथ टेस्ट गेंदबाज़ों की सूची में अपना नंबर-1 स्थान बरकरार रखा और 2025 का अंत भी शीर्ष पर रहते हुए किया। यह उपलब्धि ऐसे समय आई है, जब दुनिया भर में तेज़ गेंदबाज़ों का दबदबा देखने को मिल रहा है।
मेलबर्न में खेले गए एशेज के चौथे टेस्ट के बाद ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ों को रैंकिंग में बड़ा फायदा मिला। शानदार प्रदर्शन के दम पर मिचेल स्टार्क दूसरे स्थान पर पहुंच गए हैं। उनके रेटिंग पॉइंट्स बढ़कर 843 हो गए, लेकिन इसके बावजूद बुमराह उनसे खासा आगे बने हुए हैं। इस टेस्ट मैच में कुल 36 विकेट गिरे, जिनमें से 35 विकेट तेज़ गेंदबाज़ों के खाते में गए। यही वजह रही कि रैंकिंग में तेज़ गेंदबाज़ों की जोरदार छलांग देखने को मिली।
इंग्लैंड के जोश टंग के लिए यह मैच यादगार रहा। उन्होंने दोनों पारियों में असरदार गेंदबाज़ी करते हुए कुल 7 विकेट झटके और 13 स्थान की लंबी छलांग लगाकर सीधे 30वें नंबर पर पहुंच गए। इसी मुकाबले में इंग्लैंड ने दौरे की पहली जीत दर्ज की। वहीं गस एटकिंसन ने नई गेंद से अहम विकेट निकालते हुए चार स्थान की बढ़त हासिल की और संयुक्त रूप से 13वें स्थान पर पहुंच गए।
ऑस्ट्रेलिया के स्कॉट बोलैंड ने भी अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग हासिल की। दो पायदान की बढ़त के साथ वह सातवें स्थान पर पहुंच गए हैं। इसी कड़ी में इंग्लैंड के ब्रायडन कार्स ने भी पांच विकेट लेकर छह स्थान की छलांग लगाई और गेंदबाज़ों की सूची में मजबूती से अपनी मौजूदगी दर्ज कराई।
बल्लेबाज़ों की टेस्ट रैंकिंग में भी बड़ा बदलाव देखने को मिला। इंग्लैंड के हैरी ब्रूक ने तीन स्थान की छलांग लगाकर दूसरा स्थान हासिल कर लिया है। उन्होंने इस रेस में स्टीव स्मिथ, ट्रेविस हेड और केन विलियमसन को पीछे छोड़ दिया है। अब ब्रूक से आगे सिर्फ जो रूट मौजूद हैं।
वनडे क्रिकेट की बात करें तो यहां भारतीय बल्लेबाज़ों का दबदबा साफ नजर आता है। टॉप-10 में चार भारतीय बल्लेबाज़ शामिल हैं। कप्तान रोहित शर्मा पहले स्थान पर बने हुए हैं, जबकि विराट कोहली दूसरे नंबर पर मजबूती से टिके हैं। युवा कप्तान शुभमन गिल पांचवें स्थान पर मौजूद हैं और श्रेयस अय्यर दसवें नंबर पर रहकर भारत की मजबूत बैटिंग लाइन-अप को दर्शा रहे हैं।
कुल मिलाकर, साल का अंत भारतीय क्रिकेट के लिए रैंकिंग के लिहाज़ से बेहद सकारात्मक रहा। टेस्ट में बुमराह की बादशाहत और वनडे में बल्लेबाज़ों का वर्चस्व यह संकेत देता है कि आने वाले सालों में भी भारत वैश्विक क्रिकेट पर अपना असर बनाए रख सकता है।