सरवंश दानी, हिंदू धर्म रक्षक, चार साहिब जादों के पिता, श्री गुरु तेग बहादुर जी के पुत्र, खालसा पंथ के संस्थापक, गुरु परंपरा समाप्त करने वाले श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती के अवसर पर राजधानी रायपुर में विशाल शोभा यात्रा का आयोजन हुआ | हजारों की संख्या में सिख समाज एवं अन्य धर्म के लोगों ने नगर कीर्तन में शामिल होकर श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का आशीर्वाद प्राप्त किया |
श्री गुरु गोविंद सिंह जी के प्रकाश पर्व के उपलक्ष में राजधानी रायपुर के गुरुद्वारा गुरु नानक नगर से ट्रक रूपी रथ पर पालकी सजाकर पांच प्यारों की अगुवाई में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की सवारी रवाना हुई जो तेलीबांधा तालाब, कैनल रोड होते हुए गुरुद्वारा गोविंद नगर पहुंची |
नगर कीर्तन अर्थात शोभा यात्रा के लिए फूलों से सजाई गई पालकी में विराजमान श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का पूरे मार्ग में जगह-जगह समाज के विभिन्न संगठनों, व्यापारियों, युवाओं, अन्य धर्म एवं समाज के लोगों सहित सभी राजनीतिक दलों के नेताओं, जनप्रतिनिधियों ने फूलों की वर्षा कर पंज प्यारों व श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी को माल्यार्पण अर्पित कर स्वागत किया तथा माथा टेकर आशीर्वाद प्राप्त किया |
नगर कीर्तन के आगे आगे रंजीत नगाड़ा उसके बाद पंजाब से आए गतका पार्टी के सदस्यों द्वारा आश्चर्यचकित कर देने वाली कलाबाजियों के साथ ही आंखों पर पट्टी बांधकर दिल को दहला देने वाली कलाओं का प्रदर्शन किया |
छत्तीसगढ़ सिख काउंसिल द्वारा बनाई गई झांकी नगर कीर्तन में विशेष आकर्षण का केंद्र रही | इस झांकी में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी द्वारा विभिन्न धर्म एवं समाजों के लोग को अमृत छका कर सिख धर्म में शामिल कर पंज प्यारों की उपाधि देकर उन्हें अपना गुरु बनाया | इसीलिए श्री गुरु गोविंद सिंह जी के बारे में कहा जाता है कि वाह वाह गोबिंद सिंह आपे गुरु चेला || अर्थात ऐसी शख्सियत जो स्वयं गुरु भी है और चेला भी |
नगर कीर्तन के आगे समाज की महिलाएं श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की सवारी के लिए सड़क पर पानी का छिड़काव कर झाड़ू लगा रही थी उनके पीछे दशमेश सेवा सोसाइटी द्वारा पूरे मार्ग में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की पालकी के सामने मार्ग पर फूलों का छिड़काव किया जा रहा था|
नगर कीर्तन में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की पालकी के पीछे महिलाएं एवं पुरुष अलग-अलग जत्थों में शबद, कीर्तन, गुरबाणी का पाठ करते चल रहे थे |
गुरुद्वारा गोविंद नगर पंडरी में नगर कीर्तन के रूप में पधारे श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का आतिशबाजी एवं फूलों की चादर बिछाकर स्वागत किया गया | स्वागत के बाद गुरुद्वारे में अरदास के अवसर पर नगर कीर्तन में शामिल संगत एवं गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी गुरु गोविंद नगर, गुरु नानक नगर एवं राजधानी के सभी गुरुद्वारों के प्रबंधक कमेटियों के प्रधान एवं पदाधिकारी विशेष रूप से उपस्थित रहे |
यहां यह उल्लेख करना भी आवश्यक है कि सिख समाज द्वारा अपने गुरुओं की जयंती के अवसर पर निकल जाने वाली शोभा यात्रा का अन्य धर्म के लोग भी बेसब्री से इंतजार करते हैं |