रायपुर : देर रात पुलिस परेड ग्राउंड पहुंचे संस्कृति मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल…

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‘गाथा श्री राम मंदिर की‘ कार्यक्रम के आयोजन का लिया जायज़ा

‘गाथा श्री राम मंदिर की‘ कार्यक्रम के आयोजन का लिया जायज़ा
‘गाथा श्री राम मंदिर की‘ कार्यक्रम के आयोजन का लिया जायज़ा
‘गाथा श्री राम मंदिर की‘ कार्यक्रम के आयोजन का लिया जायज़ा

 रायपुर : अयोध्या में श्री राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर छत्तीसगढ़ में भी विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। जिनकी तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ संस्कृति विभाग द्वारा 20 जनवरी को पुलिस परेड ग्राउंड में होने वाले बहुप्रतीक्षित कार्यक्रम ‘गाथा श्री राम मंदिर की‘ की उत्साहपूर्वक तैयारियां की जा रही हैं। भगवान श्री राम की गाथा तो हर कोई जानता है। मगर भव्य मंदिर बनाए जाने को लेकर पिछले 500 वर्षों के संघर्ष की जानकारी बेहद कम लोगों को है। ऐसे में छत्तीसगढ़ संस्कृति विभाग द्वारा इस आयोजन के माध्यम से जनता को भव्य श्री राम मंदिर की  महागाथा से परिचित कराने के उद्देश्य से यह आयोजन कराया जा रहा है।

इसी के तहत धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने देर रात कार्यक्रम स्थल पुलिस परेड ग्राउंड में तैयारियों का जायज़ा लिया। इस दौरान आयोजन समिति के पदाधिकारी, पुलिस, प्रशासन, नगर निगम, पर्यटन, संस्कृति, धर्मस्व विभाग के अधिकारियों से मुलाकात कर जानकारी ली और जरूरी दिशा निर्देश दिए।

इसके अलावा मंत्री श्री अग्रवाल वीआईपी रोड स्थित श्री राम मंदिर भी गए और वहां पर की जा रही तैयारी का भी जायजा लिया। श्री अग्रवाल ने कहा कि, पूरे देश और दुनिया में प्रभु श्री राम के आने की प्रतीक्षा हो रही है और श्री राम का ननिहाल खासतौर पर प्रभु के आगमन को लेकर उत्साहित है और इसमें कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जायेगी। अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए जा चुके हैं और आयोजनों पर नजर रखने के लिए श्री अग्रवाल तैयारियों का जायज़ा लेने पुलिस परेड ग्राउंड और श्री राम मंदिर पहुंचे।

बता दें कि इस गाथा में श्रीराम से चल कर लवकुश से शुरू होकर अयोध्या पर हुए हमलों और अयोध्या के रक्षकों की चर्चा होती है जिसमें हर उस महत्वपूर्ण व्यक्ति का उल्लेख है, जो अयोध्या और श्रीराम मंदिर से सम्बद्ध है। साथ ही राजा विक्रमादित्य और माँ अहिल्याबाई होल्कर द्वारा मंदिर के जीर्णाेद्धार, बैरागी साधुओं के संघर्ष, गर्भगृह से रामलला का निकाला जाना, गर्भगृह में रामलला का प्रकट होना, कार सेवा, कोठारी बन्धुओं के बलिदान, राजनीतिक उथल-पुथल और वर्तमान निर्माणाधीन मंदिर की भव्यता, दिव्यता और उसके पीछे केंद्र और राज्य सरकार के संकल्प का चित्रण किया जाएगा।

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