छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव अब बेहद नजदीक है। सूबे के सभी राजनैतिक दल युद्धस्तर पर प्रचार प्रसार में लगे हुए हैं। सभी पार्टियां सोशल मीडिया का भरपूर प्रयोग कर रही हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के जीत का एक अहम कारण उनकी सोशल मीडिया की रणनीति को बताया जाता है।
आज के समय में चुनाव जीतने के लिए सोशल मीडिया का युद्ध भी जीतना आवश्यक है। भाजपा को चुनावी रणनीति और मजबूत संगठन के लिए जाना जाता है। इसका कारण उनका आईटी सेल भी है जो भाजपा के पक्ष में सोशल मीडिया पर नैरेटिव बनाने में सफल रहता है।
पार्टी के एक्स (ट्विटर), इंस्टाग्राम, फेसबुक और यूट्यूब चैनल के परफॉरमेंस को ट्रैक किया गया। अगर राष्ट्रीय राजनीति की बात करें तो कांग्रेस तमाम सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भाजपा से पीछे नजर आती है।
लेकिन छत्तीसगढ़ में कांग्रेस भाजपा से बहुत आगे है। अगर इसे हम स्कोर दें तो कांग्रेस-भाजपा में 3-1 का मुकाबला है। ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर भाजपा कई मापदंडों पर कांग्रेस से पीछे है। वही फेसबुक पर भाजपा की स्थिति कांग्रेस से मजबूत दिखाई पड़ती है।
कांग्रेस की पोस्ट पर लोग रूक रहे:
इंस्टाग्राम में छत्तीसगढ़ कांग्रेस का इंगेजमेंट रेट 7.28 प्रतिशत है जो भाजपा के इंगेजमेंट रेट से तीन गुने से भी ज्यादा है। इंगेजमेंट रेट इसपे निर्भर करता है कितने लोग आपके कंटेंट को लाइक, शेयर या उस पर रियेक्ट कर रहे हैं। वही फॉलोवर्स की बात करें तो वहां भी कांग्रेस 1 लाख 82 हजार फॉलोवर्स के साथ भाजपा से बहुत आगे है।
भाजपा का यू-ट्यूब दो साल से बंद:
एक्स(ट्विटर) पर कांग्रेस के पास भाजपा से करीब एक लाख फॉलोवर्स अधिक है। यूट्यूब पर भी कांग्रेस एक्टिव है, उनके सब्सक्राइबर्स 22 हजार के करीब हैं। वही भाजपा के चैनल पर दो वर्षों से कोई भी वीडियो पोस्ट नहीं किया गया है। केवल फेसबुक पर भाजपा का हैंडल कांग्रेस से आगे है। दोनों के बीच 11 लाख फॉलोवर्स का अंतर है।