केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह रविवार को रायपुर दौरे पर पहुंचे हैं। छत्तीसगढ़ विधानसभा में 2 दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इसके दूसरे दिन के आयोजन को शाह संबोधित करेंगे। इस दौरान शाह वामपंथी उग्रवाद पर एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता भी करेंगे। यह बैठक विधानसभा के समिति कक्ष में होगी।
बैठक में सीएम विष्णुदेव साय, गृहमंत्री विजय शर्मा सहित केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के शीर्ष अधिकारी शामिल होंगे। बैठक में नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास के लिए वामपंथी उग्रवाद के खतरे से निपटना, दूरसंचार, सड़क, स्कूलों पर चर्चा की जाएगी।
‘लोकतंत्र की आत्मा होते हैं प्रश्न’
प्रबोधन कार्यक्रम के दूसरे दिन पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने प्रश्नकाल के बारे में बताया। वहीं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. प्रेम प्रकाश पाण्डेय ने विधायकों को बजट, बजट बनाने की प्रक्रिया, उसके प्रकार के बारे में विस्तार से जानकारी दी। अजय चंद्राकर ने नवनिर्वाचित विधायकों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रश्नों में बहुत ताकत होती है। ये लोकतंत्र की आत्मा होते हैं।
उन्होंने प्रश्नों के प्रकार तारांकित, अतारांकित और अल्प सूचना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि एक दिन में विधायक अधिकतम चार प्रश्न पूछ सकते हैं। इसके लिए उन्हें 21 दिन पूर्व प्रश्न की सूचना देनी होती है।
इससे पहले शनिवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और केंद्रीय मंत्री मांडविया प्रबोधन कार्यक्रम में शामिल हुए थे। जहां उन्होंने विधायकों को मुद्दों को रखने के तरीके बताए। इस दौरान उप राष्ट्रपति ने संसद का किस्सा सुनाते हुए जमकर हंसाया।
कल उपराष्ट्रपति ने सुनाया था संसद का किस्सा
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पहले दिन विधानसभा में संसद का किस्सा सुनाया। उन्होंने बताया कि, मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक बार उनसे संसद में कहा कि, आप बार-बार राइट में क्यों देखते हो उधर तो सरकार बैठी है। इस पर उन्होंने कहा कि, मेरा दिल लेफ्ट में है तो उन्होंने कहा मोहब्बत हमसे शादी उनसे।
इसी किस्से को आगे बढ़ाते हुए उपराष्ट्रपति ने डॉक्टर चरण दास महंत से कहा कि, आप भी राइट का रिश्ता करें, लेफ्ट के चक्कर में क्यों पड़े हैं।
इस बार कितने नए विधायक
छत्तीसगढ़ विधानसभा में पहली बार 38 विधायकों ने सदन की दहलीज पर कदम रखा। इसमें से भाजपा के 28 और कांग्रेस के 10 नेता हैं। ये सभी पहली बार विधायक के रूप में जनता के द्वारा चुने गए हैं।
दोनों दलों ने इस बार के विधानसभा चुनावों में कुल मिलाकर 78 नए चेहरों को मौका दिया था। इसमें से भाजपा ने 48 नए चेहरों और कांग्रेस ने 30 नए नेताओं को चुनाव लड़वाया था।
22 सीटों पर नए चेहरों ने पुराने को दी पटखनी
इस बार के चुनाव में 47 सीटों पर पुराने चेहरों के सामने भाजपा और कांग्रेस ने नए चेहरों को चुनाव में उतारा था। इसमें 22 सीटों पर दोनों दलों से पहली बार विधायक का चुनाव लड़ने वालों ने पुराने और दिग्गज प्रत्याशियों को पटखनी दे दी।