दुर्ग : राज्य शासन के मार्गदर्शन में वृत्त स्तर पर जैविक उत्पादों के प्रमाणीकरण के महत्व एवं विषय पर वन वृत्त में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन श्री प्रभात मिश्रा (वन संरक्षक) एवं श्री व्ही.श्रीनिवास प्रधान मुख्य वन संरक्षक की उपस्थिति में 23 जनवरी को वन वृत्त कार्यालय दुर्ग में किया गया।
कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए श्री व्ही.निवास ने कहा कि प्रदेश में जैविक कृषि की अपार संभावनाये है। जिसमें कृषि उत्पाद, बागवानी उत्पाद, लघुवनोपज उत्पाद, आदि सम्मिलित है। जैविक उत्पादों की बढ़ती मांग को देखते हुए जैविक खेती एवं उसके प्रमाणीकरण को बढ़ावा देना अति महत्वपूर्ण है, क्योंकि प्रमाणीकरण से जैविक उत्पादों के विक्रय हेतु व्यापार का रास्ता सुलभ हो जाता है। श्री प्रभात मिश्रा (वन संरक्षक) दुर्ग ने जैविक उत्पादों के वर्तमान में बढ़ती माँग एवं छ.ग. प्रदेश में जैविक खेती के अवसर पर प्रकाश डाला।
जैविक खेती में प्रमाणीकरण प्रक्रिया पर राष्ट्रीय जैविक खेती मानक की आवश्यकता एवं प्रमाणीकरण प्रक्रिया पर चरणबद्ध तरीके से व्याख्यान श्री राजेन्द्र कुमार यादव (क्वालिटी मैनेजर) एवं श्री शिरीष सिंह (प्रक्षेत्र निरीक्षक) द्वारा उपस्थित कृषकों एवं लघुवनोपज संग्राहकों को दिया गया। कार्यशाला में दुर्ग वृत्त के राजनांदगांव, मोहला-मानपुर, कवर्धा, खैरागढ़, बालोद, दुर्ग, बेमेतरा जिलों के कृषकों एवं लघुवनोपज संग्राहकों ने भाग लिया। कार्यशाला में संयुक्त वनमण्डलाधिकारी दुर्ग श्री डी.के. सिंह भी उपस्थित थे।