छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस पर एक नवंबर से धान की खरीदी का शुभारंभ हुआ। पहले दिन अच्छी खासी बोहनी हुई है। बायोमैट्रिक थंब मशीन के बिना समर्थन मूल्य पर पुराने पैटर्न से 3 जिले के 821 किसानों से करीब 35 हजार क्विंटल धान खरीद कर शानदार बोहनी की गई। उपार्जन केंद्रों में सुबह से बड़ी संख्या में किसान धान बेचने पहुंचे थे। आचार संहिता को ध्यान में रख समिति कर्मियों एवं किसानों की उपस्थिति में धान खरीदी की शुरुआत की गई। दिवाली पर्व के चलते पहले ही दिन बड़ी संख्या में किसान धान बेचने पहुंचे।
राजनांदगांव जिले की 73 समितियों से लगभग 19698 क्विंटल धान की खरीदी करने 436 किसानों को टोकन जारी किया गया था। लेकिन राजनांदगांव जिले में 529 किसानों ने 22063. 60 क्विंटल धान बेचा। जिले में सवा लाख से अधिक किसान समर्थन मूल्य पर 64 लाख क्विंटल धान का विक्रय 31 जनवरी तक करेंगे। धान खरीदी को लेकर जिला प्रशासन द्वारा उपार्जन केन्द्रों में पहले ही प्रकाश, पेयजल, छांव सहित अन्य तैयारियां पूरी कर ली गई थी। पहले ही दिन धान बेचने वाले किसानों की उम्मीद के मुकाबले में बेहतर उपस्थिति रही।
टोकन तुंहर हाथ एप से ज्यादा टोकन जारी धान बेचने टोकन लेने के लिए टोकन तुंहर हाथ एप ने किसानों की बेहतर मदद की। बड़ी संख्या में किसानों ने इस एप की सहायता से ऑनलाइन टोकन लिया था। वहीं समितियों से किसानों को ऑफलाइन टोकन जारी किया गया था। टोकन लेने की इस सुविधा के चलते पहले दिन बड़ी संख्या में किसान धान बेचने पहुंचे थे। आगामी दिनों में किसान धान बेचने टोकन लेने के लिए इस सुविधा का उपयोग करेंगे। एप को भी किसानों का बेहतर रिस्पांस मिला।
केसीजी व एमएमसी जिले में उत्सव का माहौल, सुबह से पहुंचे किसान केसीजी जिले में पहले दिन 245 किसानों ने 11334.40 क्विंटल धान बेचा। एमएमसी जिले में 47 किसानों ने 1766.40 क्विंटल 36.35 लाख का धान बेचा। पहली बार बायोमेट्रिक थंब मशीन से धान खरीदी होनी थी। लेकिन समय रहते यह मशीन नहीं पहुंच पाई है। इस कारण बिना मशीन के पुराने पैटर्न पर खरीदी की गई। मशीन आने के बाद इसकी एंट्री मशीन में की जाएगी। विधानसभा चुनाव के चलते सामान्य ढंग से खरीदी का शुभारंभ किया गया। अधिकांश उपार्जन केन्द्रों में किसानों की सुबह से उपस्थिति रही।
आगामी दिनो में दिवाली पर्व के चलते किसानों को पैसों की जरूरत पड़ेगी। पहले ही दिन बड़ी संख्या में किसानों के द्वारा धान बेचने का प्रमुख कारण है। पुराने पैटर्न पर खरीदी होने के चलते ऋण पुस्तिका, आधार, कार्ड, बैंक पासबुक के साथ किसान उपार्जन केन्द्रों में पहुंचे थे। धान में नमी मापने के बाद तौलाई की गई। मोटा एवं पतला धान के अलावा सरना धान प्रति क्विंटल धान खरीदी की कीमत का फ्लैक्स उपार्जन केन्द्रों में चस्पा किया गया है। धान को स्टैग में सुरक्षित ढंग से रखा गया है।