पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की मौजूदगी में प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने करवाई सैकड़ो मुस्लिम और ईसाइयों की “घर वापसी”…!

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“घर वापसी” अभियान का पर्याय बन चुके जूदेव परिवार के भाजपा नेता प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने एक बार फिर बहुत बड़ी संख्या में इसाई मत्तांतरित लोगों की घर वापसी करवाई। इसके लिए मंच चुना गया सुप्रसिद्ध कथा वाचक बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की हनुमान कथा का रायपुर में उनकी कथा के आखिरी दिन प्रदेश में धर्मांतरण कर चुके अनेक परिवारों ने सनातन धर्म में वापसी की है। इनमें इस्लाम और ईसाई धर्म अपना चुके 251 परिवारों के 1 हजार लोग शामिल हैं।

इस घर वापसी अभियान का नेतृत्व कर रहे बीजेपी नेता प्रबल प्रताप सिंह ने पूजा पाठ के जरिए पहले उनका शुद्धिकरण कराया फिर उनका पैर धोकर सा सम्मान घर वापसी करवाई गई जिसमें ज्यादातर लोग सरगुजा संभाग से थे।

घर वापसी करने वाले लोगों ने बताया कि उनके पूर्वज पहले ईसाई धर्म को मानते थे। अब बागेश्वर सरकार पंडित धीरेंद्र शास्त्री की कथा सुनने के बाद प्रबल प्रताप जूदेव के मार्गदर्शन में हम वापस हिन्दू धर्म में आ रहे हैं। वहीं, धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि मैं किसी धर्म का विरोधी नहीं और न ही धर्मांतरण में यकीन रखता हूं। हां, घर वापसी पर विश्वास है।

जूदेव ने घर वापसी करने वालों के धोए पैर धोने के साथ उनका सम्मान किया

धीरेंद्र शास्त्री की मौजूदगी में बीजेपी नेता प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने घर वापसी करने वालों को पैर धुलाए और सनातन धर्म में उनका स्वागत किया। कार्यक्रम के दौरान उत्तर प्रदेश के रहने वाले मोहम्मद अकबर ने हिन्दू धर्म में वापसी की। धीरेंद्रओ शास्त्री ने अकबर का नाम बदलकर सत्यम रखा है।

हम किसी भी धर्म के विरोधी नहीं- शास्त्री
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने घर वापसी को लेकर कहा कि हम किसी के धर्म के विरोधी नहीं हैं, न ही हमने किसी को यहां बुलवाया। सभी लोग हनुमान जी के आशीर्वाद से यहां आए हैं। मैं धर्मांतरण का पक्षधर नहीं हूं। मैं घर वापसी में विश्वास करता हूं।उन्होंने प्रबल प्रताप जूदेव की की तारीफ की। उन्होंने कहा आज छत्तीसगढ़ के धरती पर सनातन का फिर से झंडा गड़ गया।

एक हजार लोगों ने घर वापसी की है। 2 मुस्लिम परिवारों ने भी सनातन धर्म को स्वीकार किया है। इसके लिए प्रबल प्रताप जूदेव को साधुवाद। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि इससे पहले प्रबल प्रताब के पिता दिलीप सिंह जूदेव ने पैर धोकर घर वापसी कि परंपरा शुरू की थी। आज वही काम उनके बेटे ने लाखों लोगों के सामने किया।

” तुम मेरा साथ तो हम तुम्हें हिंदू राष्ट्र देंगे”

पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने इस मौके पर सनातन धर्म में वापसी करने वालों का भगवा गमछा पहनाकर स्वागत किया। उन्होंने कहा कि आप सभी मेरा साथ दीजिए, मैं आपको हिंदू राष्ट्र दूंगा।
सनातन संस्कृति से साजिशन भटक गए थे लोग

इस मौके पर प्रबल प्रताप जूदेव ने कहा कि 1 हजार लोग जो अपनी सनातन संस्कृति से षड्यंत्रपूर्वक भटकाए गए थे, वे फिर से सपने सनातनी पूर्वजों से जुड़े हैं। हमने उनका आदर सत्कार करके पैर धोकर उनकी घर वापसी करवाई है। मेरे पिता ने जो काम शुरू किया था, जिसमें उन्होंने लाखों लोगों की घर वापसी कराई। इस पुनीत कार्य को अब मैं आगे बढ़ा रहा हूं।

धर्मांतरण से होता है राष्ट्र अंतरण : जूदेव

जयपुर घराने के राजा प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने कहा कि मेरा मानना है जहां हिंदुओं का धर्मांतरण हुआ है या अल्प मत में आए हैं, वह क्षेत्र भारत से कटता गया। एक समय था जब अफगानिस्तान से लेकर इंडोनेशिया तक सारे हिंदू थे। हिंदुओं का धर्मांतरण हुआ और वह क्षेत्र भारत से अलग हो गए। जहां हिंदू घटा है, वहां देश बंटा है।
घर वापसी का काम हमेशा चलता रहेगा। जूदेव ने चेतावनी देते हुए कहा कि षड्यंत्रकारी शक्तियां सुन लें, धर्मांतरण के काम को तत्काल बंद करो, नहीं तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा।

जूदेव ने छत्तीसगढ़ में 101 मंदिर बनाने का लिया संकल्प

मंच से शपथ लेते हुए प्रबल प्रताप सिंह ने कहा कि मैं छत्तीसगढ़ में 101 मंदिर बनवाऊंगा। धर्मांतरण बहुत बड़ी चुनौती है। सब मिलकर इसके खिलाफ लड़ें और देश को मजबूत कर भारत को विश्व गुरु बनाएं।

शेख शमीम ने अपनाया सनातन धर्म

रायपुर के चंगोराभाठा में रहने वाले शेख समीम ने भी सनातन धर्म अपनाया है। शमीम ने बताया कि 2008 में उनकी शादी सोनिया सिक्का से हुई थी। मेरे घर वाले मेरे शादी के खिलाफ थे। तभी से मैं अपनी पत्नी के साथ अलग रहता था। पत्नी ने मुझे कभी भी धर्म बदलने को नहीं कहा। वह अपने धर्म को मानती थी, मैं अपने धर्म को मानता था। लेकिन आज मैं पूरी तरह से मुस्लिम धर्म छोड़कर सनातन धर्म अपना रहा हूं।

पहले भी घर वापसी करा चुके हैं धीरेंद्र शास्त्री

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री लगातार धर्मांतरण कर चुके लोगों की घर वापसी करा रहे हैं। पिछले साल भी रायपुर में कथा के दौरान दूसरे धर्म के लोगो की घर वापसी करवाई थी। कथा के समापन के दिन 21 जोड़ों का सामूहिक विवाह कराया गया। 21 गरीब परिवारों के बेटियों को विवाह के दौरान घर-गृहस्थी का जरूरत का सामान भी दिया गया।

पूरे देश में घरवासी अभियान के कारण विख्यात हो चुके स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव के कार्यों को उनके पुत्र प्रबल प्रताप सिंह जूदेव आगे बढ़ा रहे हैं उनके इस पुनीत कार्य को हिंदू समाज का भरपूर समर्थन मिलता रहा है

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