मोरेह में मणिपुर के पुलिस अधिकारी चिंगथम आनंद कुमार की हत्या के बाद हालात गंभीर हो गए हैं। इसके चलते असम राइफल्स के 200 से ज्यादा जवानों को मोरेह में एयरलिफ्ट किया गया है और सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। इसके अलावा आतंकवाद विरोधी अभियान के तहत सड़क मार्ग से मोरेह भेजा गया है।
इंफाल: मणिपुर में हालात नहीं सुधर रहे हैं। मोरेह के पुलिस अधिकारी चिंगथम आनंद कुमार की हत्या के बाद यहां लोगों में गुस्सा और बढ़ गया है। स्थितियों को देखते हुए मोरेह में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। असम राइफल्स के 200 से ज्यादा जवानों को जातीय संघर्षग्रस्त मणिपुर के मोरेह में एयरलिफ्ट करके भेजा गया है। मोरेह हाई अलर्ट पर है। कुछ को आतंकवाद विरोधी अभियान के तहत सड़क मार्ग से मोरेह भी भेजा गया है। वे उन आतंकवादियों की पहचान करने में शामिल हैं जो मोरेह में छिपे हुए हैं या भारत-म्यांमार सीमा से भारत में प्रवेश कर सकते हैं। वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि असम राइफल्स आतंकवाद विरोधी अभियानों में अन्य एजेंसियों के साथ काम कर रही है। बताया जा रहा है कि पुलिस के जवान की हत्या और अन्य को घायल करने वालों की पहचान कर ली गई है।
इंफाल से 110 किलोमीटर दूर बॉर्डर से लगे मोरेह में आतंकवादियों ने मंगलवार को दो अलग-अलग हमले किए थे। इनमें उप-मंडल पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) मोरेह, चिंगथम आनंद कुमार मारे गए थे और सुदृढीकरण दल के तीन कांस्टेबल गोली लगने से घायल हो गए थे।
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हत्या के लिए स्नाइपर का हुआ यूज
हालांकि पूरे मणिपुर में कई सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। मणिपुर 3 मई से जातीय हिंसा की चपेट में है। विशेष रूप से मोरेह में असम राइफल्स के खुफिया अधिकारी कुकी बहुल तेंगनौपाल जिले के मोरेह में भी लगे हुए हैं। मणिपुर के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने कहा है कि म्यांमार सीमा पर मोरेह में एक उप-विभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) की हत्या में स्नाइपर वाला समूह शामिल था। उनकी पहचान कर ली गई है और दोषियों को पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा कि घातक हमला पीपुल्स प्रोटेक्शन फोर्स (पीपीएफ) नामक एक नए गठित समूह का काम था।
घात लगाकर हमला
शीर्ष पुलिस सूत्रों ने कहा कि पुलिस अधिकारी की गोली मारकर हत्या कुकी आतंकवादी संगठन के एक कमांडर की देखरेख में की गई थी, जो इस समय त्रिपक्षीय युद्धविराम समझौते, सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन (एसओओ) के तहत है। अधिकारी ने सम्मानित पुलिस अधिकारी की हत्या में शामिल लोगों की पहचान उजागर करने से इनकार कर दिया। सूत्रों ने कहा कि मोरेह स्थित पीपीएफ, सीमावर्ती शहर में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात राज्य पुलिस के विशेष कमांडो पर घात लगाकर हमला करने की योजना बना रहा था।
पीपीएफ वर्कर्स से हुई थी बहस
सूत्र ने खुलासा किया कि स्नाइपर हमले से तीन दिन पहले पीपीएफ के कार्यकर्ता और तेंगनौपाल जिले के एक शीर्ष कुकी नागरिक निकाय ने अब मृत पुलिस अधिकारी के साथ गरमागरम बहस हुई थी। बहस, स्कूल के मैदान में हेलीपैड स्थापित करने के लिए ईस्टर्न शाइन को साफ करने को लेकर हुई थी।
तीसरी भारतीय रिजर्व बटालियन के कमांडेंट एच. बलराम और पुलिस अधीक्षक (रेलवे और विशेष कमांडो) के साथ एसडीपीओ कृष्णाटोम्बी सिंह 26 अक्टूबर को शुरू हुए स्कूल मैदान की सफाई के काम की देखरेख कर रहे थे।
थाईलैंड बॉर्डर से खरीदे गई थी स्नाइपर
सूत्रों ने बताया कि 29 अक्टूबर को हुई तीखी नोकझोंक के बाद पीपीएफ के एक सह-संस्थापक, जो एक पूर्व सैनिक हैं, ने कुकी नेशनल आर्मी के एक कमांडर के साथ मोरेह में एक बैपटिस्ट चर्च के पास मोर्चा संभाल लिया। थाईलैंड सीमा से खरीदे गए ‘ब्रांड-न्यू’ स्नाइपर का उपयोग करके एसडीपीओ को गोली मार दी।
सूत्रों ने आगे खुलासा किया कि मोरेह में हमलावर स्थानीय निवासियों से गोला-बारूद, अत्याधुनिक हथियार, विशेष रूप से स्नाइपर्स खरीदने के लिए और चिन-कुकी युवाओं को पीपीएफ स्वयंसेवकों के रूप में प्रशिक्षित करने के लिए म्यांमार से भारत में मास्टर प्रशिक्षकों को लाने के लिए पैसे की उगाही कर रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि वे शुरुआती अभियान में 8.7 करोड़ रुपये की भारी रकम वसूलने में कामयाब हो सकते हैं।