भिलाई के बाद अब रायपुर में भी त्वचा दान की सुविधा उपलब्ध हो गई है। भिलाई के सेक्टर 9 मेन हॉस्पिटल के बाद राजधानी के DKS हॉस्पिटल में स्किन डोनेशन बैंक संचालित किया जा रहा है। मौत के बाद अब त्वचा दान की जा सकती है इसमें अब तक 10 डोनेशन भी आ चुके हैं।
यह प्रदेश का दूसरा सरकारी स्किन डोनेशन बैंक है। स्किन बैंक के प्रभारी डॉ.नवीन खूबचंदानी ने बताया कि स्किन बैंक कि शुरुआत मार्च 2023 में हो गई है। रायपुर में त्वचा दान करने वाले सभी 10 दानकर्ता प्रदेश के ही निवासी हैं। लेकिन जागरूकता या जानकारी की कमी के कारण भिलाई के सेक्टर 9 अस्पताल में त्वचा दान नहीं हो पा रही है।
जले हुए मरीजों को मिलेगी मदद
डीकेएस अस्पताल में स्किन बैंक का संचालन मुफ्त में हो रहा है। प्रभारी ने बताया कि बर्न केस के ऐसे मरीज जो 40% से अधिक जले हुए हैं उन्हें इसमें मदद मिल सकती है। झुलसने के कारण जिनके पास खुद की स्किन नहीं होती उन्हें यह डोनेट की हुई स्किन लगाई जा सकती है।
5 साल तक प्रिजर्व रख सकते हैं स्किन
स्किन बैंक के प्रभारी ने बताया कि स्किन डोनेशन मृत व्यक्ति के परिजनों की इच्छा से किया जाता है। निधन के 6 से 8 घंटे के अंदर ही स्किन डोनेशन किया जा सकता है। निकाली गई स्किन को फ्रीजर में 4 से 5 डिग्री में 5 साल तक प्रिजर्व करके रखा जाता है। जब मरीजों को जरूरत होती है तो हम उन्हें निशुल्क स्किन प्रदान करते हैं।
अभी तक बैंक में 10 डोनेशन हो चुके हैं। इनमें 8 डोनेशन डीकेएस अस्पताल में ही आए मरीजो से लिए गए है। वही, दो मरीज रायपुर एम्स के थे। अब तक दो मरीज को स्क्रीन ट्रांसप्लांट की मदद मिली है। स्किन ग्राफ्टिग में बेनिफिट भी हुआ है।
स्किन डोनेशन बैंक
स्किन बैंक एक ऐसी जगह है, जहां डेड स्किन यानी मृत व्यक्ति की त्वचा को बेस्ट कंडीशन में सुरक्षित तरीके से रखा जाता है। इसका यूज दूसरे जले एवं प्रभावित रोगियों के इलाज के लिए किया जा सकता है।
बैंक में स्किन डोनेट करने का क्या प्रोसेस है?
मृत हुए लोगों से स्किन डोनेट किया जाता है। इसके लिए मृतक के रिश्तेदार से सहमति ली जाती है। साथ ही इस बात का ध्यान भी रखा जाता है कि डोनर जोकि मृत है उसकी स्किन की बीमारी और स्किन कैंसर की कोई मेडिकल हिस्ट्री न हो।
डोनर यानी दान करने वाले की उम्र कम से कम 18 साल होनी चाहिए। इसके कोई ऊपरी सीमा नहीं है। यानी अगर 100 साल के व्यक्ति से स्किन डोनेट कर सकता है।
30-45 मिनट का समय लगता है
स्किन डोनेशन बैक के प्रभारी डॉ.नवीन खूबचंदानी ने बताया कि स्कीन डोनेशन में शरीर के दोनों जांघों से सुपरफिशियल स्किन लेते हैं । पूरा प्रोसीजर ब्लड लेस होता है इसमें रक्त रिसाव बहुत कम होता है ।
त्वचा दान की क्या प्रक्रिया है?
-त्वचा दान देने वाले परिजनों की सहमति के बाद सबसे पहले डोनर का HIV, हेपेटाइटिस B और C, सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन का टेस्ट करने के लिए ब्लड सैंपल लिया जाता है।
-जब सारे टेस्ट निगेटिव आते हैं तभी डोनर की स्किन का डोनेशन प्रोसेस शुरू किया जाता है।
-स्किन डोनेशन के लिए बॉडी में जांघ, पैर और पीठ को चुना जाता है।
-इन बॉडी पार्ट को पहले बीटाडीन से साफ किया जाता है और फिर शेव किया जाता है।
-स्किन को एक स्पेशल इंस्ट्रूमेंट डर्मेटोम से निकाला जाता है। ये देखने में छिलनी चाकू की तरह होता है।
-स्किन की केवल 1/8th मोटाई को निकाला जाता है।
-पूरे प्रोसेस में लगभग 30-45 मिनट का समय लगता है।
-फिर इसे 50% अल्कोहल में स्टोर किया जाता है।
-इसके बाद 85% ग्लिसरॉल कंटेन शीशियों में स्टोर किया जाता है।
-इसके बाद इसे 5 साल तक स्टोर किया जा सकता है।
मरीजों को किया जा रहा जागरूक
बर्न केस के मामले में ज्यातर स्किन की जरूरत होती है। ज्यादा से ज्यादा लोग डोनेशन हो इसके लिए मरीजों के परिजनों को भी जागरूक किया जा रहा है।स्किन बैंक की काउंसलर मीना शर्मा ने बताया कि शुरुआती समय में लोगों को इसके बारे में समझाना मुश्किल होता है लेकिन लोग अब इसे स्वीकार कर रहे हैं।
हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है
डीकेएस सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में त्वचा दान के लिए पंजीकरण किया जा सकता है। किसी व्यक्ति के मृत्यु के बाद त्वचा बैंक से बिना पूर्व पंजीकरण के भी त्वचा दान किया जा सकता है।
स्किन बैंक की टीम डोनर के घर, अस्पताल या मुर्दाघर में जाकर स्कीन निकालती है। डोनर को ऑपरेशन रुम, हॉस्पिटल या एंबुलेंस में शिफ्ट करने की आवश्यकता नहीं होती है। इसके लिए 8839188491 हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है ।
भिलाई की गो प्रनाम के द्वारा विकास 16 सालों से अंगदान और देहदान के उत्कृष्ट कार्य को किया जा रहा है जिसका व्हाट्सएप नंबर है 94792 73500 ।