योगी आदित्यनाथ जी महाराज को गुरु विश्वामित्र का मार्ग भी चुनना होगा – दिव्य अग्रवाल

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योगी आदित्यनाथ जी महाराज प्रभु श्री राम के अनन्य भक्त हैं यह तो सर्वविदित है ही इसीलिए तो राम राज्य की कल्पना उत्तर प्रदेश में की जा रही है । परन्तु एक बड़ा प्रश्न है की क्या अकेले योगी जी महाराज इस उदेश्य की पूर्ती कर सकते हैं, क्या योगी जी द्वारा स्थापित राम राज्य भविष्य में भी प्रभावी रहेगा। वास्तव में यदि राम राज्य को अनंत काल तक स्थापित रखना है तो योगी जी को गुरु विश्वामित्र का मार्ग भी चुनना होगा।

जिस प्रकार विश्वामित्र जी ने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के गुणों को जानकर उन्हें दानव से युद्ध करने हेतु अनेको दिव्य शस्त्र प्रदान किए ठीक उसी प्रकार योगी जी को प्रत्येक गाँव , कस्बे एवं नगर में मानवता और समाज की रक्षार्थ हेतु योग्य पात्रो को ढूंढ ढूंढ कर वैधानिक रूप  से शस्त्र लाइसेंस वितरित करने की व्यवस्था स्थापित करनी चाहिए । क्योंकि इस युग में एक रावण नहीं हैं जिस पर विजय पाने हेतु एक शस्त्रधारी राम पर्याप्त हैं।

यदि सनातन के इस स्वर्णिम काल में भी सजग सनातन प्रहरियों को सशक्त नहीं किया गया तो हल्द्वानी , बरेली जैसी घटनाओं में सभ्य समाज का कितना नुकसान होगा इसका आकलन करना भी मुश्किल होगा।

विश्वामित्र चाहते तो स्वयं की साधना से अर्जित दिव्यअस्त्रों का उपयोग कर दानवों का वध भी कर सकते थे परन्तु प्रभु श्री राम को शस्त्र प्रदान कर उन्होंने स्पष्ट सन्देश दिया की धर्म को बचाने हेतु धर्म प्रहरियों को शस्त्र शक्ति से सुसज्जित करना ही श्रेष्ठ एवं सर्वोत्तम मार्ग है।

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