छत्तीसगढ़ विधानसभा में शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी को आभार जताने के लिए प्रस्ताव पेश किया गया। यह प्रस्ताव राम मंदिर निर्माण और रामलला प्राण प्रतिष्ठा के लिए लाया गया। इस प्रस्ताव में पिछले महीने अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया गया।
राज्य के धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग के मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने सदन में प्रस्ताव रखा। जब सदन में भगवान राम पर चर्चा हो रही थी, तब एक भी कांग्रेसी विधायक वहां मौजूद नहीं था।
‘राम वन गमन पथ का नाम लेने वालों ने वॉकआउट कर दिया’
धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग मंत्री बृजमोहन ने कहा कि, आज छत्तीसगढ़ विधानसभा का ऐतिहासिक दिन है। राम मंदिर निर्माण के लिए करीब 2 लाख लोगों ने पिछले 500 सालों में अपने प्राण दिए हैं। उन सभी के लिए कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्ताव आज लाया गया है।
इस बात का दुख है कि जो लोग राम वन गमन पथ का नाम लेते थे उन लोगों ने वॉकआउट कर दिया। कृतज्ञता ज्ञापन के दौरान कांग्रेस विधायक मौजूद नहीं थे। बैगाओं की मौत तो एक बहाना था उनको राम मंदिर का विरोध करना था।
प्रस्ताव में क्या है?
प्रस्ताव में प्रदेश की सरकार ने कहा, भगवान राम प्रदेश की तीन करोड़ जनता के आराध्य हैं। “छत्तीसगढ़ राज्य के प्रत्येक नागरिक की ओर से यह सदन जन्मभूमि अयोध्या में लगभग 500 वर्षों के बाद बने भव्य राम मंदिर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्राण प्रतिष्ठा किए जाने पर कृतज्ञ है।”
सदन में क्यों नहीं थे कांग्रेस विधायक?
सभी कांग्रेसी विधायक नारेबाजी करते हंगामा करते प्रस्ताव पर चर्चा से पहले ही सदन छोड़कर चले गए। कबीरधाम जिले में पिछले महीने बैगा जनजाति से संबंधित एक परिवार के तीन सदस्यों की हत्या पर चर्चा की अनुमति नहीं दिए जाने की वजह से उन्होंने वॉकआउट किया। नारेबाजी करते हुए वे सदन के बीच आ गए इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें एक दिन के लिए निलंबित किया। सभी कांग्रेसी बाहर आकर नारेबाजी करते रहे।
गुजरात और हरियाणा में पास हुआ है प्रस्ताव
हरियाणा विधानसभा में 21 फरवरी को ऐसा ही प्रस्ताव पास हुआ था जिसमें पीएम मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया गया। इसके बाद भाजपा के साथ कांग्रेस की तरफ से भी सदन में जय श्रीराम के नारे लगाए गए। वहीं इससे पहले गुजरात विधानसभा में भी बजट सत्र के दौरान सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया था।