हरियाणा में भाजपा ने जननायक जनता पार्टी से अचानक ही गठबंधन तोड़ लिया। इस पर इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) महासचिव अभय सिंह चौटाला ने तंज कसा है।
उन्होंने कहा कि गद्दारी हो जिसकी बुनियाद, अंजाम-ए-मीनार होना ही था बर्बाद। जननायक जनता पार्टी चौटाला परिवार में फूट के बाद 2019 के विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले ही अस्तित्व में आई थी।
हालांकि, इनेलो नेता ने अपने भतीजे दुष्यंत चौटाला या जजपा का नाम नहीं लिया लेकिन उनका इशारा जजपा की तरफ ही था।
एक दूसरे ट्वीट में अभय चौटाला ने लिखा कि मुख्यमंत्री बदल कर भाजपा ने कबूला है कि वह प्रदेश को बर्बाद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लोगों ने तो बीजेपी को 2019 में ही हरा दिया था, वह तो गद्दारों की मदद से सरकार बन गई।
मालूम हो कि 2019 में भाजपा को 40 सीटें मिलीं थीं और जजपा की झोली में 10 सीटें गई थीं। चुनाव बाद जजपा से गठबंधन कर और निर्दलीय सदस्यों की सहायता से भाजपा ने सरकार बनाई थी।
चौटाला ने आरोप लगाया कि उस ‘ठगबंधन’ ने साढ़े चार साल लूट मचाई, भ्रष्टाचार किया और चुनाव आते ही एक नाटक रच दिया।
‘मान रहे हो कि चुनाव बुरी तरह हार रहे’
अभय चौटाला ने भाजपा से जानना चाहा, ‘इसका मतलब तुम मान रहे हो कि चुनाव बुरी तरह हार रहे हो। जनता को भी विचार करना चाहिए कि यह फैसला आज ही क्यों हो रहा है, पहले क्यों नहीं हुआ?’ बता दें कि मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफा देने के बाद कुछ घंटे बाद भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष नायब सिंह सैनी ने नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
सैनी के साथ भाजपा के 4 और एक निर्दलीय विधायक ने मंत्री पद की शपथ ली। हालांकि, पूर्व गृह मंत्री और अंबाला छावनी से 6 बार के विधायक अनिज विज को नई कैबिनेट में जगह नहीं मिली।
भाजपा के कंवर पाल, मूलचंद शर्मा, जय प्रकाश दलाल व बनवारी लाल और निर्दलीय विधायक रणजीत सिंह चौटाला ने मंत्री पद की शपथ ली।
ये पांचों निवर्तमान खट्टर मंत्रिमंडल में मंत्री थे। जजपा के दुष्यंत चौटाला, दविंदर बबली और अनूप धानक खट्टर मंत्रिमंडल में अन्य मंत्री थे।