छत्तीसगढ़ सरकार आज (14 मार्च) खिलाड़ियों को सम्मानित कर रही है। रायपुर के दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में 4 साल बाद स्टेट लेवल अलंकरण समारोह का आयोजन किया गया है। अलग-अलग स्पोर्ट्स इवेंट में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 133 खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया। 411 खिलाड़ियों को प्रोत्साहन राशि भी मिली।
सीएम विष्णुदेव साय और विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने समारोह की शुरुआत की। मंच पर मंत्री टंकराम वर्मा, रामविचार नेताम, सांसद सुनील सोनी समेत कई नेता मौजूद हैं। इस समारोह में पदक विजेता चयनित खिलाड़ियों और टीमों को शहीद राजीव पांडे पुरस्कार, कौशल यादव पुरस्कार, शहीद पंकज विक्रम सम्मान और मुख्यमंत्री ट्रॉफी से पुरस्कृत किया गया।
खिलाड़ियों को मिला सम्मान
शहीद राजीव पांडेय पुरस्कार, राजनांदगांव के वेट लिफ्टर जगदीश को दिया गया। उन्हें तीन लाख की राशि का चेक भी सौंपा गया। इसके साथ ही हैंडबॉल खिलाड़ी महासमुंद की कुमारी सोनिया, फेंसिंग में दुर्ग की निवेदिता कौशिक, सॉफ्ट बॉल खिलाड़ी रायपुर के किशन महानंद, साइकिल पोलो के लिए दुर्ग के आदित्य कुर्रे और व्हीलचेयर फेंसिंग के लिए मुंगेली के महेंद्र साहू को सम्मानित किया गया।
शहीदों को अगली पीढ़ी याद करती रहे, इसके लिए आयोजन
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शहीदों के परिजन का स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि 5 साल बाद राज्य खेल अलंकरण समारोह फिर से शुरू हुआ है। इस मौके पर मैं सभी खिलाड़ियों को बधाई देता हूं। हमारे छत्तीसगढ़ के शहीदों को अगली पीढ़ी याद करती रहे, इसके लिए डॉ रमन सिंह ने इस समारोह की शुरुआत की थी।
प्रतिभाओं को निखारने के लिए प्रोत्साहन और सम्मान जरूरी
साय ने कहा कि हर प्रतिभा समाज के विकास में योगदान देती है। प्रतिभाओं को निखारने के लिए प्रोत्साहन और सम्मान जरूरी है। इसीलिए हम सब यहां एकत्र हुए हैं। उन शहीदों को भी नमन जिनके नाम पर खिलाड़ियों को पुरस्कार दिया जाता है। डॉ रमन सिंह जी ने अपने कार्यकाल में खेलों को काफी बढ़ावा दिया।
नवा रायपुर के क्रिकेट स्टेडियम की होती है तारीफ
मैंने हाल ही में दो खिलाड़ियों से मुलाकात की थी, सौरव गांगुली और आजिंक्य रहाणे से। इन लोगों ने क्रिकेट स्टेडियम की काफी तारीफ की। इस स्टेडियम का निर्माण डॉ रमन के कार्यकाल में ही हुआ। जब से मोदी जी प्रधानमंत्री बने हैं तब से खिलाड़ी ज्यादा मेडल जीत रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने के लिए जो भी जरूरी होगा, सरकार मुहैया कराएगी। इसमें कोई कोताही नहीं बरती जाएगी।
पिछली सरकार ने युवकों का सम्मान नहीं किया
समारोह को संबोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने आयोजन के लिए सरकार और खेल विभाग को बधाई दी। उन्होंने कहा कि खेल में भाषण का काम नहीं होता, लेकिन ये आयोजन जिन हालात में हुआ, इस आयोजन के लिए खिलाड़ियों ने संघर्ष किया, सड़क पर उतरे, मेडल लौटाने लगे।
उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार भी बदल दी। पिछली सरकार ने युवकों का सम्मान नहीं किया। इसलिए उन्होंने सरकार ही बदल डाली। यही वजह है कि खेल अलंकरण का महत्व बढ़ जाता है। जो खिलाड़ी आते हैं उनके लिए एक मंच है खेल अलंकरण समारोह।
2015 में जब ये योजना बनी तो अनुदान मिलने लगा। ब्लॉक से प्रदेश स्तर तक खिलाड़ियों को बढ़ावा दिया गया। इस दौरान कई हॉकी स्टेडियम का निर्माण हुआ। विष्णुदेव साय के मुख्यमंत्री बनने के बाद एक बार फिर से अलंकरण की शुरुआत हो रही है।
उत्कृष्ट खिलाड़ियों की सूची भी जल्द ही जारी करेंगे
समारोह को संबोधित करते हुए खेल मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि हम उत्कृष्ट खिलाड़ियों की सूची भी जल्द ही जारी करेंगे। उन्होंने कहा कि विकसित भारत और विकसित छत्तीसगढ़ के संकल्प को सभी को मिलकर साकार करना है। हमें अपने युवा खिलाड़ियों पर पूरा भरोसा है।
मंत्री ने कहा कि खेल अलंकरण की शुरुआत रमन सिंह जी के शासनकाल में ही हुई। रमन सिंह जी ने हमने बनाया, हम ही संवारेंगे के वाक्य को शुरू से ही चरितार्थ किया है। मंत्री वर्मा ने इस दौरान अगले सत्र से क्रीड़ा प्रोत्साहन योजना शुरू करने का ऐलान किया है।
शहीदों के परिजन का सम्मान
कार्यक्रम के दौरान शहीदों के परिजन भी मौजूद रहे। इस दौरान सीएम साय और डॉ रमन सिंह ने शहीद विनोद चौबे की पत्नी रंजना चौबे और शहीद कौशल यादव की मां को सम्मानित किया।
आधुनिक खेल उपकरण और ट्रेनर
इसी तरह 31 खेलो इंडिया सेंटर के साथ ही भारत सरकार ने राज्य के बिलासपुर में भी तीन खेलों हॉकी, एथलेटिक्स और तीरंदाजी के लिए खेलो इंडिया एक्सीलेंस सेंटर को स्वीकृति दी है। इसमें खिलाड़ियों के लिए आधुनिक खेल उपकरण और प्रशिक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षक, फिजियोथेरेपिस्ट की सुविधा उपलब्ध रहेगी। इसके लिए वित्तीय सहायता दी जा रही है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार करने में मदद मिलेगी
खेलो इंडिया सेंटर्स में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, उन्नयन कार्य, खेल उपकरण के लिए 5 लाख रुपए, खेल सामग्री और परिधान के लिए हर साल 2 लाख रुपए की वित्तीय सहायता भारत सरकार की ओर से मिलेगी। इसी तरह प्रशिक्षक को 25 हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय दिया जाना शामिल है। इस योजना से राज्य में नवोदित राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार करने में मदद मिलेगी।
प्रदेश में 31 खेलो इंडिया सेंटर
राज्य के नारायणपुर जिले में मलखम्भ, बीजापुर, दंतेवाड़ा, महासमुंद और बिलासपुर के शिवतराई में तीरंदाजी, गरियाबंद में वॉलीबॉल, सरगुजा, बलौदाबाजार, सुकमा, बलरामपुर, कोरबा, सूरजपुर, मुंगेली, सारंगढ़-बिलाईगढ़ और सक्ती में फुटबॉल, जशपुर, राजनांदगांव, जांजगीर-चांपा और बस्तर में हॉकी, बालोद और रायपुर में वेटलिफ्टिंग, कबीरधाम, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, बेमेतरा और दुर्ग के पाटन में कबड्डी, कांकेर में खो-खो, रायगढ़ और कोरिया में बैडमिंटन, धमतरी में कुश्ती और कोंडागांव में आर्चरी सेंटर स्थापित है।