छत्तीसगढ़ में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों का नियमितीकरण हो सकता है। इसे लेकर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कर्मचारियों को आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा है कि इसके लिए अन्य राज्यों में हुए नियमितीकरण नीति का अध्ययन किया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने गुरुवार को संविदा कर्मचारियों को आश्वस्त किया है कि वेतन में भी 27 फीसदी की वृद्धि भी की जाएगी। साथ ही उनकी ओर से अन्य राज्यों में हुए नियमितीकरण का अध्ययन करने के निर्देश एमडी एनएचएम को दिए गए हैं। इसका फायदा प्रदेश के 45 हजार कर्मचारियों को मिलेगा।
NHM कर्मचारी संघ ने की मंत्री से मुलाकात
छत्तीसगढ़ प्रदेश एनएचएम कर्मचारी संघ की महिला पदाधिकारियों ने मंत्री जायसवाल के निवास कार्यालय पर उनसे मुलाकात की। साथ ही उन्हें 18 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। इस पर मंत्री जायसवाल ने उस पर कार्रवाई करने के लिए NHM के प्रबंध संचालक जगदीश सोनकर को निर्देशित किया है।
NHM के MD को जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश
मुलाकात के दौरान महिला पदाधिकारियों ने मंत्री को बताया कि तमिलनाडु और मणिपुर में एनएचएम संविदा कर्मियों का नियमितीकरण किया गया है। इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने एमडी एनएचएम को अध्ययन कर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
लंबे समय से कर्मचारी आंदोलनरत
नियमितीकरण की मांग को लेकर प्रदेश में कर्मचारी लंबे समय से आंदोलनरत हैं। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में कर्मचारी कई बार सड़क पर उतर कर प्रदर्शन भी कर चुके हैं। जुलाई में संविदा कर्मचारियों की हड़ताल के चलते सरकार ने उन पर एस्मा लगा दिया था।
सिंहदेव ने नियमितीकरण के लिए मांगा था प्रस्ताव
इस बीच प्रदेश के पहले उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कर्मचारियों के नियमितीकरण को लेकर नोटशीट चलाई। उन्होंने नियमितीकरण को लेकर तत्कालीन मुख्य सचिव अमिताभ जैन से अभिमत मांगा और प्रस्ताव शासन को प्रस्तुत करने के लिए कहा था।
इससे पहले पूर्व सीएम भूपेश बघेल भी केबिनेट बैठक में सीएस को नियमितीकरण को लेकर निर्देश दे चुके थे। तब सरकार के सामने यह सुझाव भी आया था कि योजना का नाम कौशल्या माता स्थायी कर्मी योजना 1 नवंबर 2023 रखा जा सकता है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पिछले मानसून सत्र में संविदा कर्मचारियों का 27 प्रतिशत वेतन बढ़ाने का ऐलान विधानसभा में किया था। सरकार ने अगस्त 2023 में इसका आदेश भी जारी कर दिया था, लेकिन इस पर अमल नहीं हो सका।